तो चलिए जानते हैं - share ki keemat kaise ghatti ya bdhti hai
जानिए शेयर प्राइस ऊपर नीचे क्यों होता है - शेयर की कीमत कैसे बढ़ती या घटती है?

शेयर बाजार में किसी भी शेयर की कीमत एक बार में ऊपर नहीं जाती बल्कि नीचे ऊपर होते हुए ऊपर या नीचे की ओर आगे बढ़ती है, और शेयर की कीमत बढ़ने या घटने के बहुत से कारण हो सकते हैं -
शेयर का प्राइस ऊपर या नीचे क्यों होता है -
- कंपनी का परफॉर्मेंस
- न्यूज़ के चलते
- कंपनी के कुछ नए अनाउंसमेंट के कारण
- डिविडेंड के कारण
- बोनस या फिर शेयर buyback के चलते
- डिमांड और सप्लाई के कारण
- शेयर मार्केट में तेजी या मंदी के कारण
- प्रमोटर्स होल्डिंग कम या ज्यादा होने पर
किसी भी शेयर की कीमत बढ़ने या घटने के ये 8 मुख्य कारण होते हैं, चलिए इन्हे एक - एक करके जानते हैं -
1. कंपनी का परफॉर्मेंस
शेयर बाजार में बहुत सारी कंपनियां लिस्टेड हैं, और हर कंपनी का एक बिजनेस है, जहाँ वो कम्पनी अपने प्रोडक्ट या सर्विस बेचती है। शेयर बाजार की हर कंपनि को अपने सेल्स, प्रॉफिट, रेवेनुए व कम्पनी ने कैसी परफॉरमेंस की इन सबके क्वार्टरली रिजल्ट पेश करने पड़ते हैं। इस रिसल्ट में आपको पता चलता है, कि पिछले क्वार्टर के की तुलना में इस बार कम्पनी को कितना मुनाफा या कितना नुकसान हुआ है।
और ये सब जानकारी आप NSE या BSE की वेबसाइट पर जाकर आसानी से देख सकते हैं। कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट देखकर पता चलता है, कि कंपनी प्रॉफिट कमा रही है, या लोस्स में चल रही है। किसी भी कम्पनी के रिजल्ट यदि अच्छे होते हैं, तो यह शेयर खरीदने का संकेत है, और ऐसे में इन्वेस्टर शेयर खरीदते हैं, और प्राइस बढ़ने उन्हें प्रॉफिट होता है। और यदि कम्पनी का रिजल्ट दिखाई देता हैं, तो यह शेयर बेचने का संकेत है, और ऐसे में बड़े इन्वेस्टर शेयर बेचते हैं | पढ़ें - 7 टिप्स शेयर बाजार की भविष्यवाणी कैसे करें । कल शेयर की कीमत बढ़ेगी या घटेगी?
2. न्यूज़ के चलते
आपने देखा होगा कि यदि किसी कंपनी में फ्रॉड हो जाए, जैसे मैनेजमेंट के द्वारा इंसाइडर ट्रेडिंग की खबर आ जाए, तो कंपनी के शेयर की कीमत अचानक से गिर सकती है। किसी भी तरह की बुरी न्यूज़ शेयर की कीमत को तेज़ी से नीचे गिरा सकती है, और इसके विपरीत किसी शेयर में आने वाली अच्छी न्यूज़ शेयर की कीमत को ऊपर ले जा सकती है। इसके कई उदाहरण हैं, जैसे - एशियन पेंट्स पर झूठे इल्जाम लगे थे, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया। इसलिए, यदि आपको कंपनी के बिजनेस पर भरोसा है, तो आपको शेयर का प्राइस ऊपर-नीचे होने पर भी डरना नहीं चाहिए। पढ़ें - 17+ जरूरी बातें शेयर खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?
3. कंपनी के कुछ नए अनाउंसमेंट के कारण
किसी भी कंपनी के द्वारा लिए गए सही फैसले उस शेयर की कीमत को तेज़ी से बढ़ा सकते है और कम्पनी के द्वारा लिए गए गलत फैसले एक ही बार में शेयर की कीमत को तेज़ी से नीचे ले जा सकते हैं, इसलिए आप जिस भी कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं, तो उस शेयर की अनाउंसमेंट पर नजर रखें, क्यूंकि जब भी कोई कंपनी कोई बड़ा अनाउंसमेंट करती है, तो शेयर के दाम तेजी से घटते या बढ़ते हैं।
उदाहरण के लिए, आप इलेक्ट्रिक वाहनों और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को देखें। कुछ साल पहले टाटा पावर और टाटा मोटर्स के शेयर की मांग नहीं थी, लेकिन जब से टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार मे लाने का अनाउंसमेंट किया है, तब से इसके शेयर लगातार बढ़ रहे हैं। पढ़ें - 7 Tips शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए ? , Right Buy/Sell Time In hindi
4. डिविडेंड के कारण
किसी भी कम्पनी को जब अच्छा प्रॉफिट होता है, तो वो अपने शेयरहोल्डर को प्रति शेयर कुछ पैसा देती है, जिसे डिविडेंड कहा जाता है। लेकिन शेयर बाजार की हर कंपनी डिविडेंड नहीं देती, बल्कि होने वाले प्रॉफिट को फिरसे व्यापार निवेश कर देती है।
शेयर बाजार के बहुत सारे इन्वेस्टर डिविडेंड को लेकर उत्साहित रहते हैं, जब कोई कंपनी अपनी वार्षिक रिपोर्ट या क्वार्टरली रिजल्ट में डिविडेंड देने का फैसला करती है, तो उसके अगले ही दिन उस शेयर का प्राइस बढ़ने लगता है। क्यूंकि लोग डिविडेंड मिलने की लालच में शेयर खरीदते हैं, जिससे शेयर की डिमांड बढ़ने की वजह से शेयर की कीमत बढ़ जाती है। पढ़ें - Dividend क्या है, Dividend से पैसे कैसे कमायें?
5. बोनस या फिर शेयर buyback के चलते
शेयर बाजार में डिविडेंड की तरह ही जब कोई कंपनी बोनस शेयर, शेयर स्प्लिट, या शेयर बायबैक का अनाउंसमेंट करती है, तो उस शेयर की कीमत तेजी से बढ़ने लगती है, क्यूंकि लालच की वजह से लोग भरी मात्रा में उस शेयर में निवेश करते हैं | पढ़ें - 5 tips स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए ?
6. डिमांड और सप्लाई के कारण
दुनिया के हर मार्केट में डिमांड और सप्लाई का नियम काम करता है। यानी जब किसी चीज की सप्लाई कम होती है और डिमांड बढ़ जाती है, तो उसकी कीमतें बढ़ जाती हैं। इसी तरह, जब सप्लाई ज्यादा होती है और डिमांड कम होती है, तो कीमतें घट जाती हैं। यह डिमांड और सप्लाई का खेल आप शेयर बाजार में रोज देख सकते हैं।
जब ग्लोबल मार्केट में बिजली की डिमांड बढ़ती है, तो पावर सेक्टर की कंपनियों के शेयर बढ़ने लगते हैं। इससे कंपनियों का मुनाफा बढ़े बिना ही उनके शेयर प्राइस बढ़ जाते हैं और उनका PE Ratio भी बढ़ जाता है। इसी तरह, जब दुनिया में कोई बड़ा संकट होता है, तो इसका असर हर मार्केट पर पड़ता है। इससे देश की इकोनॉमी कमजोर होती है और NIFTY50 में लिस्टेड कंपनियों के शेयर प्राइस गिरने लगते हैं। कहने का मतलब यह है कि जिस सेक्टर की प्रोडक्ट या सर्विस की डिमांड बढ़ती है, उस सेक्टर की कंपनियों के शेयर प्राइस भी बढ़ते हैं और जब डिमांड घटती है, तो शेयर प्राइस गिरते हैं।
7. शेयर मार्केट में तेजी या मंदी के कारण
इकोनॉमिक क्राइसिस के चलते देश को कई खतरों का सामना करना पड़ता है जिससे बाजार में मंदी (Bear Run) आ जाती है। महंगाई (Inflation) इसका एक बड़ा कारण है क्योंकि जब महंगाई बढ़ती है तो कंपनियां अपने प्रोडक्ट या सर्विस के दाम बढ़ा देती हैं, जिससे लोग उन्हें खरीदना कम कर देते हैं।
जब लोग खरीदारी कम कर देते हैं तो बिजनेस को नुकसान होता है और कंपनियां प्रॉफिट नहीं कमा पातीं। ऐसे में लोग अपने शेयर बेचने लगते हैं जिससे बाजार में मंदी (Bear Market) आ जाती है। यह पूरी साइकिल महंगाई से जुड़ी है।
अगर आप एक जागरूक शेयर बाजार निवेशक हैं तो आपको देश के आर्थिक मुद्दों पर नजर रखनी चाहिए। जैसे हर साल बजट अनाउंसमेंट के बाद शेयर बाजार में काफी हलचल होती है। इससे निफ्टी और सेंसेक्स में बुल रन या बियर रन देखने को मिलता है।
8. प्रमोटर्स होल्डिंग कम या ज्यादा होने पर
प्रमोटर्स होल्डिंग का मतलब है कि कंपनी में उसके प्रमोटर्स, मैनेजमेंट और फाउंडर्स की कितनी हिस्सेदारी है। सामान्यतः प्रमोटर्स होल्डिंग 50% या उससे ज्यादा होनी चाहिए। यदि किसी कंपनी में उसके प्रमोटर्स की होल्डिंग बहुत कम होती है, तो बड़े इन्वेस्टर्स का ये कहना है, की उस कंपनी के शेयर नहीं खरीदने चाहिए। ऐसा माना जाता है, कि यदि प्रमोटर्स ही अपनी कंपनी के शेयर बेच रहे हैं, तो उन्हें अपनी कंपनी पर भरोसा नहीं है।
इसलिए, जब किसी कंपनी की प्रमोटर्स होल्डिंग कम होती है, तो लोग उस कम्पनी में भरोसा नहीं करते जिससे वो तेज़ी से शेयर बेचने लगते हैं, और शेयर का भाव गिर जाता है। इसके दूसरी तरफ, जब प्रमोटर्स अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हैं, तो शेयर प्राइस बढ़ने लगता है।
एक शेयर का प्राइस कितना ऊपर नीचे जा सकता है?
शेयर बाजार में नए निवेशक सोचते हैं कि कोई भी शेयर कितना भी ऊपर या नीचे जा सकता है, लेकिन यह सच नहीं है। आपने सर्किट फिल्टर के बारे में सुना होगा। जब कोई शेयर बहुत ज्यादा ऊपर जाता है, तो उसमें अपर सर्किट लगते हैं और जब बहुत ज्यादा गिरता है, तो उसमें डाउन सर्किट लगते हैं।
अपर सर्किट और डाउन सर्किट 5% से 20% तक हो सकते हैं। सर्किट ज्यादातर पेनी स्टॉक्स में लगते हैं या ऐसे स्टॉक्स में जिन्हें ऑपरेटर कंट्रोल करते हैं। मतलब, जबरदस्ती किसी शेयर का प्राइस बढ़ाया या घटाया जाता है, तो सर्किट लगते हैं।
इसलिए, कोई भी शेयर 1 दिन में 1000% या 2000% ऊपर-नीचे नहीं जा सकता है। ऐसा सिर्फ ट्रेडिंग या क्रिप्टोकरेंसी में होता है, बाकी मार्केट में नहीं। अगर आप इतने ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं, तो आपके लिए ट्रेडिंग करना सही रहेगा, न कि इन्वेस्टिंग।
शेयर मार्केट ऊपर नीचे क्यों और कैसे होता है?
मार्केट स्टॉक्स का एक मापक होता है, जिसे इंडेक्स कहा जाता है। इस इंडेक्स के अंदर बहुत तरह के अलग अलग शेयर शामिल होते हैं, जब इंडेक्स के ज्यादातर शेयरों के प्राइस बढ़ते हैं, तो इंडेक्स यानि बाजार में भी उछाल देखने को मिलता है। और जब इंडेक्स के बहुत सारे शेयरों के प्राइस में गिरावट आती हैं, तो ऐसे में इंडेक्स भी नीचे जाने लगता है, और ऐसे में मार्किट में गिरावट देखने को मिल सकती है। इस तरह, इंडेक्स देखकर हम पता लगा सकते हैं, कि बाजार में क्या चल रहा है, और बाजार कितनी सही और किस दिशा में चल रही है। यदि किसी इंडेक्स के ज्यादा शेयर बढ़ते हैं, तो यह बाजार अच्छा होने का एक संकेत है। वहीं दूसरी तरफ यदि बाजार के ज्यादा शेयर नीचे जा रहे हैं, तो बाजार की हालत खराब मानी जाती है।
आज हमने जाना -
आज के ब्लॉग में जानिए शेयर प्राइस ऊपर नीचे क्यों होता है , शेयर की कीमत कैसे बढ़ती या घटती है? के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी।
आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद 🙏😊
यदि आपको शेयर प्राइस से जुडी किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप comment करके जरूर बताएं। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे।
धन्यवाद