8 तरीकों से जाने स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड | how to find stock is undervalued or overvalued

किसी शेयर के बारे में पता लगाने के लिए की वह स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड आप ये 8 तरीके आपकी काफी मदद कर सकते यहीं |

how to find stock is undervalued or overvalued - शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना एक फायदेमंद निर्णय हो सकता है, लेकिन तब जब आप शेयर मार्केट में उसका सही ज्ञान के साथ सही जगह इन्वेस्ट करते हैं, क्या आप भी जानना चाहते हैं कि किसी स्टॉक की कीमत सस्ती (अंडरवैल्यूड) है या महंगी (ओवरवैल्यूड)? तो आज की इस ब्लॉग पोस्ट को आपको पूरा पढ़ना चाहिए, इस पोस्ट में मैंने बहुत आसान शब्दों में बताया है, की कैसे जाने स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड तो आइए, इस अच्छी ब्लॉग पोस्ट की शुरुआत करें, और सीखें कि सही स्टॉक को कैसे चुने करें!

तो चलिए जानते हैं - केस जाने स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड 

कैसे जाने स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड | how to find stock is undervalued or overvalued

कैसे जाने स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड | how to find stock is undervalued or overvalued  
किसी शेयर के बारे में पता लगाने के लिए की वह स्टॉक अंडरवैल्यूड (कम मूल्यांकित) है या ओवरवैल्यूड (अधिक मूल्यांकित)। इसके लिए आपको कुछ जरूरी संकेतकों का उपयोग जरूर करना चाहिए - 

1. पी/ई अनुपात (Price-to-Earnings Ratio) - 

PE रेश्यो जो की किसी स्टॉक की कीमत को उसके एक शेयर की कमाई (EPS) के साथ तुलना करता है। यदि किसी शेयर का पी/ई रेश्यो बहुत ज्यादा है, तो वह शेयर ओवरवैल्यूड हो सकता है, और ऐसे में आपको इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए, दूसरी तरफ यदि शेयर का PE रेश्यो कम है, इसका मतलब वह शेयर अंडरवैल्यूड हो सकता है।

2. पी/बी अनुपात (P/B Ratio):

PB रेश्यो हमे बताता है, कि शेयर की कीमत उसकी कंपनी की कुल संपत्ति की तुलन में कितनी है। और किसी शेयर के कम पी/बी रेश्यो का मतलब यह है, की स्टॉक सस्ता हो सकता है। और इस समय शेयर खरीदना आपके लिए सही हो सकता है | 

3. डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield):

किसी शेयर का डिविडेंड यील्ड रेश्यो आपको यह जानने में मदद करता है, कि किसी शेयर में मिलने वाला प्रॉफिट उसके प्राइस की तुलना में कितना ज्यादा या कम है। यदि कोई शेयर बहुत ज्यादा डिविडेंड यील्ड दे रहा है, यानी मतलब स्टॉक सस्ता हो सकता है।

4. दूसरी कंपनियों से तुलना -

यदि आपको किसी शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले जानना है, उसकी सही वैलुए है, या नहीं तो आपको उस शेयर की तुलना उसके समान उद्योग में काम करने वाली दूसरी कंपनियों के शेयर के साथ जरूर करनी चाहिए । यदि दूसरी कंपनियों की तुलना में किसी शेयर स्टॉक की कीमत कम है, तो ऐसा शेयर सस्ता हो सकता है।

5. कंपनी का प्रदर्शन:

किसी कम्पनी के शेयर की रियल वैल्यू जानने के लिए देखिए कि कंपनी का प्रॉफिट व बिक्री कैसी और कितनी हो रही है। यदि कोई कंपनी बहुत अच्छा पपरफॉरमेंस कर रही है, और शेयर की कीमत भी काफी कम है, तो ऐसे में स्टॉक सस्ता हो सकता है।

6. न्यूज़ और एनालिसिस:

मार्किट में क्या न्यूज़ चल रही हैं, और बड़े एनालिटिक्स क्या कह रहे हैं, यह जरूर देखना चाहिए। ऐसे में आपको किसी स्टॉक के भविष्य के बारे में ज्यादा अच्छे से पता लग सकता है की कैसा रहेगा | 

7. बाजार पूंजीकरण और राजस्व वृद्धि:

किसी कंपनी की मार्किट कैप और उसकी कैशफ्लो में वृद्धि दर की तुलना करना भी बहुत जरूरी है। यदि किसी कम्पनी की मार्किट कैप बड़ी और उसका राजस्व वृद्धि दर धीमी है, तो ऐसा स्टॉक ओवरवैल्यूएशन हो सकता है। जो खरीदने का एक संकेत है | 

8. आर्थिक संकेतक और बाजार का मूड:

किसी शेयर में इन्वेस्ट करने के लिए आपको व्यापक आर्थिक संकेतक और बाजार के मूड को जानना भी बहुत ज्यादा जरूरी है | बाजार का उतार-चढ़ाव और इन्वेस्टर्स की भावनाएं स्टॉक के ओवर या अंडर वैल्यूड होने को बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकती हैं।

स्टॉक मूल्य का अधिमूल्यांकन क्या है? What is stock price overvaluation?

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किसी शेयर की कीमत तब ज्यादा होती है, जब उसका वर्तमान मार्किट प्राइस उसके लाभ या कमाई के हिसाब से सही नहीं होता। लोग इमोशन के चलते बिना सोचे-समझे कोई भी शेयर खरीद लेते हैं, और इस कारण शेयर का प्राइस बढ़ सकता है, कंपनी की फाइनेंसियल कंडीशन या बेसिक बातों में गिरावट आने से भी शेयर का प्राइस बढ़ सकता है। शेयरों के बहुत ज्यादा प्राइस पर भी बिकने के कुछ मुख्य कारण यहाँ नीचे बताये गए हैं -

1. शेयर की मांग में बढ़ना -

यदि किसी कंपनी के शेयरों में किसी कारण अचानक मांग बढ़ने से ज्यादा लोग बहुत ज्यादा कॉन्टिटी में शेयर खरीदने लगते हैं, तो ऐसे में शेयर अपनी असली कीमत से ज्यादा कीमत में पहुंच जाता सकता हैं।

2. आय में होने वाले परिवर्तन -

जब किसी देश की अर्थव्यवस्था किसी कारण से गिरावट आती है, और लोग कम पैसे खर्च करने लगते है, तो शेयर मार्किट की जादातर कंपनीयो का प्रॉफिट भी घट जाता है। लेकिन, ऐसा होने पर भी बहुत बार शेयर की कीमत कम नहीं होती है। जिससे शेयर की कीमत असल कीमत से ज्यादा हो जाती है।

3. चक्रीय उतार-चढ़ाव -

शेयर मार्केट की कुछ कंपनियाँ शुरूआत की तुलना में कुछ समय बाद अपने बिज़नेस को बढ़ाने व अच्छा काम करने लगती हैं, जिसका सीधा असर उनके शेयर की कीमत पर पड़ता है, और शेयर की कीमतें भी अपने रियल कीमत से ज्यादा हो जाती है |

4. न्यूज़ - 

यदि शेयर बाजार की किसी कंपनी के बारे में अचानक कोई अच्छी खबर आने लगती हैं, तो ऐसे में ज्यादा लोग उस शेयर को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में खरीदने लगते हैं। जिससे शेयर की कीमत बढ़ सकती है।

How to Find Undervalued Stocks? (अंडरवैल्यूड स्टॉक कैसे खोजें?) :

यदि आप शेयर बाजार के किसी शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो आपको एक undervalued स्टॉक चुनना चाहिए - इसे चुनने के लिए आप कुछ चीज़ों को विशेष रूप से देखें | 
  1. कंपनी के पास कितनी संपत्ति और उसके ऊपर कितना कर्ज है इसे समझने के लिए शेयर की बैलेंस शीट देखें।
  2. कंपनी कितनी कमाई व खर्च कर रही है, और इसके बाद उसके पास कितना प्रॉफिट बच रहा है, इसे जानने के लिए कम्पनी की आय स्टेटमेंट जरूर देखें।
  3. कंपनी के कैशफ्लो को समझने के लिए जो की किसी कंपनी की फाइनेंसियल कंडीशन को दर्शाता है, देखें | 
  4. राजस्व वृद्धि, प्रॉफिट मार्जिन, और ऋण-इक्विटी रेश्यो को देखे, किसी शेयर का लगातार बढ़ता हुआ बिज़नेस और प्रॉफिट, और उसमें कम ऋण-इक्विटी होना उस कम्पनी की मजबूत फिनांकाइल कंडीशन को दिखाता  हैं।
  5. ऐसी कंपनियों के धरे में निवेश करने पर ध्यान दें जिनके भविष्य में बढ़ने की उम्मीद है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का बिज़नेस इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का है, और जैसा की देखा जा रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है, तो ऐसी कंपनीयां अंडरवैल्यूड हो सकती है।
  6. विश्लेषक बाजार के विशेषज्ञ होते हैं और वो हमेशा कंपनियों का मूल्यांकन करते रहते हैं। उनकी रिपोर्ट देखने से आपको यह समझने में आसनी हो सकती है कि कोई स्टॉक अंडरवैल्यूड है या नहीं। हालांकि, यह न भूलें कि भविष्यवाणियाँ हमेशा सटीक नहीं होती हैं। खुद भी अध्ययन करें और अपना निर्णय लें।

Benefits of Investing in Undervalued Stocks (अंडरवैल्यूड स्टॉक में निवेश के लाभ) :

यदि आप undervalued स्टॉक्स में निवेश करते हैं, तो आपको कुछ बड़े फायदे हो सकते हैं, जिन्हे आप नीचे देख सकते हैं | 

1. ज्यादा प्रॉफिट होने की संभावना -

अंडरवैल्यूड शेयर में इन्वेस्ट करने का सबसे बड़ा फायदा जो होता है वो है कि इन शेयर में ज्यादा प्रॉफिट की संभावना होती है, क्यूंकि ऐसे शेयर कम कीमत पर खरीदे जाते हैं, इसलिए जब इनकी कीमतें बढ़ती हैं, और ज्यादा कीमत मे पहुंचती हैं, तो इससे इन्वेस्टर्स को काफी ज्यादा फायदा होता है।

2. लंबे समय के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट -

अंडरवैल्यूड शेयर लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट के बहुत अच्छे ऑप्शन होते हैं, ऐसी कंपनी के शेयर की कीमतों को बहुत ऊपर पहुंचने में समय लग सकता है, लेकिन यदि धैर्य रखा जाए तो एक इन्वेस्टर इनसे अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।

3. कम रिस्क वाले इन्वेस्टमेंट ऑप्शन -

यह पूरी तरह सच नहीं है, क्योंकि किसी भी शेयर बाजार इन्वेस्टमेंट में थोड़ा बहुत रिस्क तो होता ही है। लेकिन, अच्छी तरह से एनालिसिस किए गए अंडरवैल्यूड स्टॉक में रिस्क कम हो जाता हैं। क्योंकि ये स्टॉक पहले से ही कम कीमत पर होते हैं, इसलिए बाजार में गिरावट होने पर भी इनके बहुत ज्यादा गिरने की संभावना कम होती है।

4. पोर्टफोलियो को बाटने के लिए - 

यदि आप ज्यादा पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आपको अपने पोर्टफोलियो को diversify करना चाहिए और पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के लिए अंडरवैल्यूड स्टॉक बेहतरीन तरीका है। यह आपके पूरे रिस्क को कम करने में काफी मदद कर सकते है।

Risks of Investing in Undervalued Stocks (अंडरवैल्यूड स्टॉक में निवेश के जोखिम) :

यदि आप undervalued शेयर में निवेश करते हैं, तो आपको कुछ रिस्क होते हैं, जो आपको जरूर जानने चाहिए | 

1. लिक्विडिटी  रिस्क - 

अंडरवैल्यूड शेयर ज्यादातर छोटे और कम फेमस कंपनियों के होते हैं जिससे इन स्टॉक्स में लिक्विडिटी बहुत कम होती है, यानी कि इन स्टॉक्स को खरीदने के बाद यदि कभी जरूरत पड़ी तो बेचना काफी कठिन हो सकता है | 

2. कंपनी के प्रदर्शन में गिरावट का रिस्क -

कई बार कंपनी के अंडरवैल्यूड होने का कारण यह भी हो सकता है, की कंपनी अपने किसी बिज़नेस में समस्या का सामना कर रही हो, या फिर उसके मैनेजमेंट में किसी तरह की दिक्कत है। इन कारणों से कंपनी की परफॉरमेंस में गिरावट आ सकती है, जिससे आपके इन्वेस्टमेंट मूल्य कम हो सकता है।

3. सूचना की कमी का रिस्क -

छोटी व कम फेमस कंपनियों के बारे में उसकी सारी फाइनेंसियल इनफार्मेशन प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। यानी जब आप इन्वेस्टमेंट के फैसले से पहले कंपनी के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

4. ज्यादा उतार-चढ़ाव का जोखिम - 

undervalued या करहेन छोटे और अस्थिर कंपनियों के शेयर की कीमतों में मार्किट के बाकी हिस्सों की तुलना में ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है, जिससे आपके इन्वेस्टमेंट का जोखिम बढ़ जाता है | 

5. कंपनी के प्रदर्शन में गिरावट प्रदर्शन -

अंडरवैल्यूड स्टॉक(Undervalued Stock) का मतलब यह हो सकता है कि बाजार कंपनी के भविष्य के बारे में कुछ नेगेटिव सोच रहा है। कंपनी की फाइनेंसियल परफॉरमेंस में गिरावट आपके इनवस्टमेंट कीमत को कम कर सकती है।

किसी शेयर का वास्तविक मूल्य कैसे पता करें?

यह पता लगाने के लिए कि इन्वेस्टर या ट्रेडर्स के लिए किसी शेयर की वास्तविक कीमत क्या हैं,  किसी कंपनी के शेयर का मूल्य जानने के लिए, आप शेयर के वर्तमान प्राइस को उसके कुल शेयरों की संख्या से गुणा करके निकल सकते हैं । इसके अलावा किसी शेयर की सही कीमत जानने का एक और तरीका है उस शेयर का पी/ई रेश्यो देखना। इसके लिए, आपको पिछले 12 महीनों में शेयर की कीमत को उसकी कुल कमाई से भाग देने में पता लगती है । इससे आपको पता चलेगा कि शेयर की कीमत उसकी कमाई की तुलना में कैसी है।

कोई शेयर अच्छा है या बुरा कैसे चेक करें?

किसी शेयर को अच्छा या बुरा चेक करने के लिए, आप कुछ आसान चीजें देख सकते हैं। सबसे पहले, कंपनी की कमाई और उसकी ग्रोथ को देखें। फिर, शेयर की वर्तमान कीमत और उसका पी/ई अनुपात देखें, जो बताता है कि शेयर की कीमत उसकी कमाई के मुकाबले कैसी है। इसके अलावा, दूसरी कंपनियों के शेयरों से तुलना करें। अगर कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है और उसका पी/ई अनुपात कम है, तो वह शेयर अच्छा हो सकता है। ध्यान रखें, निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और जरूरत हो तो वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

स्टॉक ओवरवैल्यूड अंडरवैल्यूड कैसे कैलकुलेट करें, how to calculate overvalued and undervalued stocks

स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड इसे कैलकुलेट करने के लिए यहाँ नीचे कुछ पॉइंट्स दिए गए हैं, जिनका उपयोग करके आप आसानी से यह पता लगा सकते हैं | 
  1. P/E रेशियो देखना
  2. P/B रेशियो देखना
  3. डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) एनालिसिस
  4. मौजूदा बाजार मूल्य की तुलना
  5. कंपनी के वित्तीय रिपोर्ट का अध्ययन
  6. अन्य कंपनियों से तुलना
  7. मार्केट ट्रेंड्स का विश्लेषण

how to check overvalued stocks ओवरवैल्यूड स्टॉक्स की पहचान कैसे करे 

ओवर वैल्यूड स्टॉक्स को पहचानने के लिए आपको उस स्टॉक की एनालिसिस करते समय कुछ जरूरी चीज़ें देखनी चाहिए जो यहाँ दी गई हैं |
  1. उच्च P/E रेशियो देखना
  2. उच्च P/B रेशियो देखना
  3. DCF मूल्य से अधिक मौजूदा मूल्य
  4. अन्य समान कंपनियों से तुलना करना
  5. हालिया तेजी (रैली) के कारण बढ़ी कीमत
  6. कंपनी की भविष्य की उम्मीदों का अधिक मूल्यांकन
  7. मार्केट में बहुत ज्यादा मांग होना

conslusion निष्कर्ष - 

किसी स्टॉक का मूल्य कम (अंडरवैल्यूड) या ज्यादा (ओवरवैल्यूड) होने का पता कैसे लगाया जा सकता है। पी/ई अनुपात, पी/बी अनुपात, डिविडेंड यील्ड, कंपनी का प्रदर्शन और अन्य कंपनियों से तुलना जैसे महत्वपूर्ण संकेतकों का उपयोग करके आप समझ सकते हैं कि कौन सा स्टॉक सही निवेश के लिए उपयुक्त है। याद रखें, किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले अच्छी तरह से जानकारी जुटाएं और जरूरत हो तो वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। सही जानकारी और समझ के साथ, आप अपने निवेश को सफल बना सकते हैं।

आज हमने जाना   -

आज के ब्लॉग में हमने 8 तरीकों से जाने स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड | how to find stock is undervalued or overvalued के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी।  

जैसे -
  1. कैसे जाने स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड | how to find stock is undervalued or overvalued
  2. स्टॉक मूल्य का अधिमूल्यांकन क्या है? What is stock price overvaluation?
  3. How to Find Undervalued Stocks? (अंडरवैल्यूड स्टॉक कैसे खोजें?) :
  4. Benefits of Investing in Undervalued Stocks (अंडरवैल्यूड स्टॉक में निवेश के लाभ) :
  5. Risks of Investing in Undervalued Stocks (अंडरवैल्यूड स्टॉक में निवेश के जोखिम) :
  6. किसी शेयर का वास्तविक मूल्य कैसे पता करें?
  7. कोई शेयर अच्छा है या बुरा कैसे चेक करें?

आज हमने जाना   -

आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद 🙏😊

यदि आपको स्टॉक अंडरवैल्यूड है, या ओवरवैल्यूड से जुडी किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप comment करके जरूर बताएं। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे। 

धन्यवाद 

About the Author

I am Pranshu Soni, I am a blogger and I give information about Investment, Trading, Share Market Concept, Share Price Target, And Best Share to people in my blog.

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