LCL UCL In Share Market In Hindi | लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट

जाने लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट एक इन्वेस्टर को शेयर की कीमतों के उतार-चढ़ाव को समझने और अपने इन्वेस्टमेंट को मैनेज करने में मदद करती हैं |

शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करने से पहले आपको LCL (लोअर कंट्रोल लिमिट) और UCL (अपर कंट्रोल लिमिट) की  जैसी महत्वपूर्ण बातें जानने की जरूरत है, क्यूंकि ये दो लिमिट एक इन्वेस्टर को शेयर की कीमतों के उतार-चढ़ाव को समझने और अपने इन्वेस्टमेंट को मैनेज करने में मदद करती हैं, इसलिए आज की इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बहुत ही सरल भाषा में जानेंगे कि लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट क्या हैं, lcl ucl in share market in hindi और इनका उपयोग कैसे किया जाता है, और ये आपके इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित रखने में किस तरह सहायता कर सकता हैं |  

तो चलिए जानते हैं - लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट

Table of Contents
 

लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट lcl ucl in share market in hindi

लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट | lcl ucl in share market in hindi 

शेयर मार्किट में LCL और UCL का मतलब "लोअर कंट्रोल लिमिट" (Lower Control Limit) और "अपर कंट्रोल लिमिट" (Upper Control Limit) और इनका उपयोग शेयरों की कीमत के लिए एक लिमिट तय करने के लिए किया जाता है।

1. लोअर कंट्रोल लिमिट (LCL) -

यह वो न्यूनतम लिमिट है, जिसके नीचे शेयर की कीमत जाने पर आपको चिंता करनी पड़ सकती। इसे समझने के लिए आप इसे एप लोस सहने की लिमिट भी मान सकते हैं। यदि किसी शेयर की कीमत LCL से नीचे चली जाती है, तो यह शेयर की स्थिति खराब होने का संकेत होती है।

2. अपर कंट्रोल लिमिट (UCL):

यह किसी शेयर की वो हाई लिमिट होती है, जिसके ऊपर शेयर की कीमत जाने पर आप प्रॉफिट कमा सकते हैं। यदि शेयर की कीमत UCL से ऊपर जाती है, तो यह समय हो सकता है कि आप अपने प्रॉफिट को सुरक्षित कर लें और शेयर बेच दें।

इन लिमिट का उपयोग करके इन्वेटर व ट्रेडर रिस्क को कम और अपने इन्वेस्टमेंट को आसानी से और बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।

लोअर सर्किट में शेयर कैसे बेचे जाते हैं बताइए?

नहीं, आप लोअर सर्किट में शेयर नहीं बेच सकते। जब कोई शेयर लोअर सर्किट पर पहुंचता है, तो उस दिन के लिए उस शेयर की खरीद-फरोख्त बंद कर दी जाती है। इसका मतलब है कि उस दिन आप उस शेयर को और नहीं बेच सकते।

क्या लोअर कंट्रोल लिमिट नेगेटिव हो सकती है?

यदि लोअर कंट्रोल लिमिट (LCL) की गणना करने पर यह 0 से नीचे जाता है, तो इसे 0 पर सेट किया जाता है क्योंकि 0 से कम होना संभव नहीं है। राज्य और संघीय कानूनों के अनुसार, नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्य परिस्थितियाँ प्रदान करना आवश्यक है।

क्या होता है जब शेयर प्राइस लोअर सर्किट हिट करता है?

लोअर सर्किट उस न्यूनतम कीमत को कहते हैं, जिस पर एक शेयर ट्रेडिंग के दौरान पहुँच सकता है। जब शेयर इस कीमत तक पहुंचता है, तो आगे कीमत गिरने से रोकने के लिए उस शेयर की खरीद-बिक्री रोक दी जाती है। लोअर सर्किट का मतलब यह है कि शेयर की कीमत उस दिन और नहीं गिरेगी। यह व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें बताता है कि उस दिन शेयर की कीमत कितनी कम हो सकती है।

आज हमने जाना   -

आज के ब्लॉग में लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट | lcl ucl in share market in hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी।  

जैसे - 
  1. लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट lcl ucl in share market in hindi
  2. लोअर सर्किट में शेयर कैसे बेचे जाते हैं बताइए?
  3. क्या लोअर कंट्रोल लिमिट नेगेटिव हो सकती है?
  4. क्या होता है जब शेयर प्राइस लोअर सर्किट हिट करता है?

आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद 🙏😊

यदि आपको लोअर कंट्रोल लिमिट अपर कंट्रोल लिमिट से जुडी किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप comment करके जरूर बताएं। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे। 

धन्यवाद 

About the Author

I am Pranshu Soni, I am a blogger and I give information about Investment, Trading, Share Market Concept, Share Price Target, And Best Share to people in my blog.

एक टिप्पणी भेजें

यदि आपको कोई भी doubts हैं, आप मुझे बताएं ।
Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.