शेयर खरीदने के नियम, 5 सबसे अच्छे रूल्स

शेयर खरीदने के नियम, 5 सबसे अच्छे रूल्स Share Khareedne Ke Niyam
शेयर बाजार अपने पैसों को बढ़ाने का एक बहुत अच्छा तरीका है, जहाँ आप अपने पैसों को इन्वेस्ट करके समय के साथ बढ़ा सकते हैं, जिससे बढ़ती हुई महगाई का आपके ऊपर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा शेयर बाजार में सबसे ज्यादा जरूरी होता है, शेयर को खरीना जिसके लिए आज हम शेयर खरीदने के नियम जानेंगे | शेयर खरीदने के नियमों को जानकर आप शेयर में ज्यादा अच्छे से निवेश कर सकते हैं |
शेयर खरीदने के नियम में सबसे ऊपर जो आते हैं, वो हैं - अपने लक्ष्यों ध्यान में रखकर शेयर खरीदना, फ़ण्डामेंट और टेक्निकल एनालिसिस करके ही शेयर खरीदना, शेयर को सही जगह व सही समय पर खरीदना, बढ़ते हुए समय के साथ समय समय पर शेयर खरीदते रहना आदि शेयर खरीदने के नियम हैं |

 शेयर खरीदने के नियम, 5 सबसे अच्छे रूल्स

शेयर खरीदने के नियम, 5 सबसे अच्छे रूल्स
शेयर खरीदने के नियमों को जानकर आप शेयर में काफी बेहतक तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं, यहाँ मैंने आपको शेयर खरीदने के 5 सबसे अच्छे नियम बताये हैं, जिन्हे आपको शेयर खरीदते समय जरूर फॉलो करना चाहिए | 

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  1. किसी भी शेयर खरीदते समय अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखें 
  2. शेयर का फंडामेंटल व टेक्निकल एनालिसिस करके ही शेयर खरीदें 
  3. शेयर को सही समय व सही जगह पर खरीदना 
  4. समय के साथ समय - समय पर शेयर खरीदना
  5. लोस्स होने पर लॉस रिकवरी के लिए शेयर नहीं खरीदना चाहिए 

1. किसी भी शेयर खरीदते समय अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखें 

आप चाहे ट्रेडिंग करें या इन्वेस्टमेंट किसी भी शेयर को खरीदने के पहले नियम में आता है, अपने लक्ष्य को तय करना यानी जब भी आप कोई शेयर खरीदें तो आपको पहले से यह तय करना चाहिए की आप उसे अपने खरीदे हुए प्राइस से कितने रूपए नीचे जाने व कितने रुपये ऊपर जाने पर बेच देंगे | 

यदि आपको लक्ष्य पता होता है, और आप वह लक्ष्य प्राप्त होने पर उसे बेच देते हैं, तो आपको ज्यादातर समय प्रॉफिट होने का चांस होता है | 
किसी भी शेयर खरीदते समय अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखें
आपके खरीदे हुए प्राइस से शेयर के नीचे जाने यानी जब आपको लॉस दिखता है, व ऊपर जाने यानी जब आपको प्रॉफिट दीखता है, तो 2 तरह के इमोशन आते हैं |  
  • जब शेयर का प्राइस बढ़ता है और आपको प्रॉफिट होता है तब - यदि आप अपना टारगेट प्राइस तय नहीं करते व उसे फॉलो नहीं करते तो जब आपके शेयर का प्राइस बढ़ता है, तो आप अंदर लालच आता है, और आपको लगता है की यह और ऊपर जायेगा  जिससे आप शेयर को सही समय पर नहीं बेचते और शेयर का प्राइस नीचे जाने लगता है जिससे आपको नुकसान हो सकता है |
  • जब शेयर का प्राइस घटता है और आपको नुक्सान होता है तब - यदि आप अपना स्टॉपलॉस प्राइस तय नहीं करते और उसे फॉलो नहीं करते तो जब शेयर का प्राइस नीचे जाते है, और आपको नुकसान होने लगता है, तो आप प्राइस के दुबारा ऊपर जाने की आश में शेयर नहीं बेचते जिससे आपको ज्यादा नुक्सान झेलना पड़ता है | 
  ये दो ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से ज्यादातर ट्रेडर प्रॉफिट होने के बावजूद भी लोस्स कर बैठते हैं, इन दोनों को आपको अच्छे से समझना चाहिए |

2. शेयर का फंडामेंटल व टेक्निकल एनालिसिस करके ही शेयर खरीदें 

जब आप कोई शेयर चुन लेते हैं, तो उस शेयर को खरीदने से पहले आपको अच्छे से उसकी फंडामेंटल व टेक्निकल एनालिसिस करनी चाहिए, ताकि आप समझ सकें की शेयर का प्राइस कितना बढ़ सकता है व कितना घट सकता है, यह पता होने पर आप शेयर को सही समय पर खरीद व बेच सकते हैं | 

इसके साथ ही जब आप किसी शेयर की फंडामेंटल व टेक्निकल एनालिसिस करते हैं, तो आपको पता चलता है, की आपको उस शेयर में ट्रेडिंग करनी चाहिए या लम्बे समय ले लिए इन्वेस्ट करना चाहिए, जिससे आपकी इन्वेस्ट व ट्रेड करने की confusion कम होती है | और आप सही निर्णय ले पाते हैं | 

3. शेयर को सही समय व सही जगह पर खरीदना 

शेयर खरीदना ही काफी नहीं है, बल्कि सही समय व सही जगह पर शेयर खरीदना जरूरी है, ऐसा इसलिए क्यूंकि किसी भी शेयर का प्राइस लगातार ऊपर नहीं जाता वह एक पॉइंट तक ही ऊपर जाता है, और वहां से किसी एक पॉइंट तक दोबारा नीचे आकर फिरसे ऊपर जाता है | 

ऐसे में यदि आप इंट्राडे, स्विंग या ऑप्शन ट्रेडर हैं, तो आपको सही समय व सही जगह पर शेयर खरीदना जरूरी हो जाता है, क्यूंकि आपको बहुत कम समय मिलता है जिसमें आपको प्रॉफिट कामना होता है, और यदि आप सही समय व जगह पर शेयर नहीं खरीदते तो आपको प्रॉफिट कम और लोस्स होने के चांस ज्यादा होते हैं | 

4. समय के साथ समय - समय पर शेयर खरीदना 

चाहे आप ट्रेड करें या इन्वेस्ट आपको समय समय पर शेयर को खरीदते रहना चाहिए ताकि आप जब शेयर को बेचें तो आपको ज्यादा प्रॉफिट मिल सके | 
  • जब आप ट्रेडिंग करते हैं तो आप शेयर को जिस प्राइस पर खरीदते हैं प्राइस उससे ऊपर जाने पर जब वापस नीचे आता है, और आपको लगता है, की वहां से ऊपर जाएगा तो आप शेयर की क्वॉन्टिटी बढ़ा सकते हैं, इसे पिरॅमिडिंग बोलै जाता है | 
  • जब आप किसी अच्छे शेयर में लम्बे समय के लिए इन्वेस्ट करते हैं, तो शेयर का प्राइस ऊपर जाने के बाद जब किसी कारण से नीचे आता है, तो आपको देखना है की इसके नीचे आने की वजह क्या है, और यदि आपको लगता है, की वहां से शेयर ऊपर जा सकता है, तो आपको और ज्यादा शेयर खरीद लेने चाहिए |  

5. लोस्स होने पर लॉस रिकवरी के लिए शेयर नहीं खरीदना चाहिए 

लोस्स रिकवरी ज्यादातर ट्रेडर के पैसा डूबने का सब बड़ा कारण है, यदि आप शॉर्टटर्म ट्रेडर है और किसी कारण से आपको लॉस हो जाता है तो आपको उस दिन या कुछ दिनों के लिए ट्रेड नहीं लेना चाहिए और अपने दिमाग को शांत करके यह पता लगाना चाहिए की आपको लोस्स क्यों हुए है, आपने क्या गलती की है | 

लॉस होने पर आपको उस लोस्स को रिकवर करने की तरफ नहीं जाना है, यह आपको और बड़ा नुकसान दे सकता है, और आपके दिमाग की शांति को भंग कर सकता है |  

निष्कर्ष (Conclusion)- 

शेयर खरीदने के नियम फॉलो करके आप अपने प्रॉफिट के चांस बढ़ा सकते हैं, यह आपको सही समय पर शेयर खरीदने व बेचने का सही निर्णय लेने में मदद करते हैं, और आपके लोस को कम करते हैं, नियमों को सही तरह से फॉलो करना आपको आपकी ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट की यात्रा में तेज़ी से आगे बढ़ाता है | 

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I am Pranshu Soni, I am a blogger and I give information about Investment, Trading, Share Market Concept, Share Price Target, And Best Share to people in my blog.

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