BVPS का मतलब है "बुक वैल्यू पर शेयर", जो शेयर मार्केट में किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले जानना बहुत ही ज़रूरी होता है, यदि आप शेयर में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आज की इस ब्लॉग को आपको पूरा पढ़ना चाहिए, यहाँ मैं आपको Bvps In Share Market In Hindi, बुक वैल्यू पर शेयर की पूरी जानकारी देने वाला हूँ |
तो चलिए जानते हैं - Book Value per share kya hota hai
बुक वैल्यू पर शेयर (BVPS) यानी किसी कंपनी की कुल संपत्ति का एक हिस्सा हर एक शेयर में कितना है। इसे निकालने के लिए आपको किसी कंपनी की पूरी संपत्ति से उसके सभी कर्जे को घटाना होता है, और तब जो बची संपत्ति होती है, उसे शेयरों की संख्या से भाग देने से बुक वैल्यू पता चलता है |
Bvps In Share Market In Hindi, बुक वैल्यू पर शेयर की पूरी जानकारी

बुक वैल्यू पर शेयर क्या है ? - प्रति शेयर बुक वैल्यू (BVPS) यानी कि हर एक शेयर में उस कंपनी की कुल कितनी संपत्ति है, और इस वैल्यू को निकालने के लिए, आपको उस कंपनी की कुल संपत्ति में से उस कम्पनी के ऊपर सारे कर्जो को घटाना होता हैं, और फिर जो संपत्ति बचती है, उसे कंपनी के कुल शेयरों की संख्या से घटाकर प्रति शेयर बुक वैल्यू प्राप्त होती है।
बुक वैल्यू कितना होना चाहिए?, Book Value kitna hona chahiye
किसी भी शेयर की बुक वैल्यू का कोई तय मान नहीं होता यह हर शेयर के लिए अलग - अलग हो सकता है, कोई एक कम्पनी जो आर्थिक रूप से काफी मजबूत है, उसके शेयर की बुक वैल्यू ज्यादा हो सकती है, वहीँ दूसरी तरफ यदि कोई कम्पनी आर्थिक रूप से कमजोर है, तो उसकी बुक वैल्यू कम हो सकती है |
लेकिन जब आप किसी कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आपको बुक वैल्यू के साथ कुछ दूसरी जरूरी चीजें भी देखनी होती हैं, जैसे - कंपनी हर साल कितना प्रॉफिट कमाती है, बाजार में उस कम्पनी की स्थिति और भविष्य में उस कम्पनी के बढ़ने की क्या संभावना है।
यदि किसी कंपनी की बुक वैल्यू उस कम्पनी के शेयर की मार्किट की कीमत से अधिक है, तो इस तरह के शेयर को अंडरवैल्यूड (कम आंका जाता) है। लेकिन इसका सही मतलब जानने के लिए आपको दूसरे कुछ फैक्टर भी देखने जरूरी होते हैं।
यदि तो भी बात करें की बुक वैल्यू कितनी अच्छी है?
यदि पी/बी (प्राइस टू बुक) वैल्यू 1.0 से कम होती है, तो इस वैल्यू को बड़े इन्वेस्टर अच्छा मानते हैं, यानी कि कंपनी का शेयर सस्ता चल रहा है, लेकिन कुछ इन्वेस्टर का मानना है, की 3.0 से कम पी/बी वैल्यू वाले भी इन्वेस्टमेंट के लिए ठीक होते हैं |
स्टॉक स्प्लिट के बाद बुक वैल्यू का क्या होता है?
जब किसी कम्पनी का स्टॉक स्प्लिट होता है, तो इसके बाद उस कम्पनी के हर शेयर की संख्या पहले से बढ़कर ज्यादा हो जाती है, लेकिन उस कंपनी की कुल संपत्ति में कोई फर्क नहीं होता वो पहले जैसी ही रहती है, लेकिन कम्पनी के शेयर की प्रति शेयर बुक वैल्यू कुछ कम हो जाती है, क्योंकि कम्पनी की वही संपत्ति अब पहले से ज्यादा शेयरों में बाँट दी जाती है | हालांकि, ऐसा होने के बाद भी कंपनी की कुल बुक वैल्यू (कुल संपत्ति) में कोई ज्यादा असर नहीं पड़ता, वह पहले जैसी ही रहती है।
Book value per share formula
जैसा की आपने ऊपर जाना की किसी कंपनी की पूरी संपत्तियों में से उसके ऊपर जो कर्ज है, उसे घटाने, और फिर उसे कंपनी के शेयरों की संख्या से बाँटने पर आपको प्रति शेयर बुक वैल्यू प्रपात हो जाती है, और इस बुक वैल्यू पर शेयर (BVPS) का फॉर्मूला भी काफी आसान है:
फॉर्मूला: बुक वैल्यू पर शेयर (BVPS) = (कंपनी की कुल संपत्ति - कंपनी के कर्जे) ÷ कुल बकाया शेयरों की संख्या
क्या शेयर प्राइस बुक वैल्यू से नीचे जा सकता है?
जब किसी कंपनी का मार्किट प्राइस उसके बुक वैल्यू से कम होता है, तब बाजार मे इनवस्टर्स व ट्रेडर्स को लगता है कि कंपनी के शेयर की कीमत उसकी रियल कीमत कीमत से कम चल रही है। वहीँ यदि किसी शेयर का मार्किट मूल्य उसके बुक वैल्यू से ज्यादा होता है, तो मार्किट के इन्वेस्टर को कंपनी के भविष्य में अच्छा प्रॉफिट कमाने की उम्मीद होती है, जिससे शेयर की कीमत ज्यादा मानी जाती है।
बुक वैल्यू कैसे बढ़ती है?
कंपनियाँ अपने बुक वैल्यू पर शेयर (BVPS) को बढ़ाने के लिए बहुत से तरीके अपना सकती है, जिनमें से कुछ यहाँ नीचे बताये गए हैं |
- आय को बनाए रखना: जब कंपनियाँ अपने प्रॉफिट को शेयर होल्डर्स को डिविडेंड के रूप ना देकर अपने पास रखती हैं, तो ऐसे में कम्पनी की कुल संपत्ति बढ़ने लगती है, जिससे कम्पनी के शेयर की बुक वैल्यू भी बढ़ती है।
- शेयर बायबैक: बहुत बार कम्पनी अपने बेचे हुए बहुत सारे शेयर को खुद वापस खरीद लेती हैं, तो ऐसे में बकाया शेयरों की संख्या कम जाती है, और कम्पनी के शेयर की बुक वैल्यू बढ़ने लगती है।
शेयर का बुक वैल्यू उदाहरण सहित बताइए?
मान लीजिए XYZ मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी के पास 1करोड़ INR का इक्विटी बैलेंस है, और उसके पास 10 लाख आम शेयर हैं। इसलिए, बुक वैल्यू पर शेयर (BVPS) निकालने के लिए, आप जब करोड़ को 10 लाख शेयरों से बांटते हैं। इस हिसाब से आपका, कम्पनी का BVPS = 10 है।
कंपनियां बुक वैल्यू से कम पर ट्रेड क्यों करती हैं?
यदि किसी कम्पनी का शेयर अपने बुक वैल्यू पर या उससे कम कीमत पर बिक रहा होता है, तो इसका मतलब है की ऐसा शेयर इन्वेस्टर के लिए अच्छा हो सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की यह हमेशा सच हो | बहुत बार कंपनी की संपत्ति की असली कीमत ज्यादा हो सकती है, इसलिए बुक वैल्यू इतनी इम्पोर्टेन्ट नहीं रहती |
बुक वैल्यू प्रति शेयर कितना महत्वपूर्ण है?
प्रति शेयर बुक वैल्यू (BVPS) इन्वेस्टर्स को यह बताता है, कि किसी कंपनी का शेयर अभी अपनी सही कीमत पर बिक रहा है या नहीं, जब इसकी तुलना माक्रेट प्राइस से की जाती है, BVPS से आपको पता चलता है कि यदि किसी कारण से कभी कंपनी बंद हो जाती है, तो उसकी सारी संपत्तियां बेच दी जाएं और उसके ऊपर के सभी कर्जे चुका दिए जाएं, तो उस कम्पनी के हर एक शेयरहोल्डर को कितना पैसा मिलेगा।
क्या बुक वैल्यू में लाभांश शामिल है?
बुक वैल्यू का मतलब है कंपनी की संपत्ति की वह कीमत, जिसमें से उसके सारे कर्ज और बाकी दावे हटा दिए जाते हैं। सरल शब्दों में, यह कंपनी के सामान्य स्टॉक की असली कीमत होती है, जिसमें मुनाफा जोड़ा जाता है और दिए गए डिविडेंड और वापस खरीदे गए शेयर घटा दिए जाते हैं।
आज हमने जाना -
आज के ब्लॉग में Bvps In Share Market In Hindi, बुक वैल्यू पर शेयर की पूरी जानकारी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी।
जैसे -
- बुक वैल्यू कितना होना चाहिए?
- स्टॉक स्प्लिट के बाद बुक वैल्यू का क्या होता है?
- Book value per share formula
- क्या शेयर प्राइस बुक वैल्यू से नीचे जा सकता है?
- बुक वैल्यू कैसे बढ़ती है?
- शेयर का बुक वैल्यू उदाहरण सहित बताइए?
- कंपनियां बुक वैल्यू से कम पर ट्रेड क्यों करती हैं?
- बुक वैल्यू प्रति शेयर कितना महत्वपूर्ण है?
- क्या बुक वैल्यू में लाभांश शामिल है?
आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद 🙏😊
यदि आपको बुक वैल्यू पर शेयर से जुडी किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप comment करके जरूर बताएं। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे।
धन्यवाद