वॉल्यूम शेयर बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका मतलब है कि किसी शेयर या किसी वित्तीय इंस्ट्रूमेंट की एक निश्चित समय अवधि में कितनी बार खरीद और बिक्री हुई। वॉल्यूम यह दिखाता है कि बाजार में किसी शेयर की मांग और सप्लाई कितनी है।
इस लेख में हम बहुत आसान भाषा में समझेंगे कि वॉल्यूम क्या है, यह क्यों महत्वपूर्ण है, और इसका उपयोग ट्रेडिंग में कैसे किया जा सकता है। साथ ही, वॉल्यूम से जुड़े कुछ सामान्य सवालों के जवाब भी दिए जाएंगे।
तो चलिए जानते हैं - शेयर मार्किट में वॉल्यूम क्या है ?
Share Market Me Volume Kya Hota Hai

शेयर बाजार में वॉल्यूम का मतलब है कि एक दिन में किसी शेयर की कितनी बार खरीद और बिक्री हुई।
- अगर किसी शेयर का वॉल्यूम ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि उस शेयर की खरीद-फरोख्त ज्यादा हो रही है।
- कम वॉल्यूम का मतलब है कि उस शेयर की ट्रेडिंग कम हो रही है।
उदाहरण के लिए:
अगर किसी शेयर का वॉल्यूम 10,000 है, तो इसका मतलब है कि उस दिन 10,000 बार उस शेयर की खरीद और बिक्री हुई।
वॉल्यूम हमें यह समझने में मदद करता है कि बाजार में कौन से शेयर लोकप्रिय हैं और कौन से शेयर पर ध्यान देना चाहिए।
वॉल्यूम क्यों महत्वपूर्ण है?
वॉल्यूम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें बाजार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देता है।
- मार्केट ट्रेंड समझने में मदद: वॉल्यूम हमें यह समझने में मदद करता है कि किसी शेयर की कीमत ऊपर जाएगी या नीचे।
- डिमांड और सप्लाई: अगर वॉल्यूम ज्यादा है, तो शेयर की मांग ज्यादा हो सकती है।
- ट्रेडिंग के फैसले: ट्रेडर वॉल्यूम देखकर यह तय करते हैं कि किस शेयर में निवेश करना है।
उदाहरण:
अगर किसी शेयर की कीमत बढ़ रही है और वॉल्यूम भी ज्यादा है, तो यह एक अच्छा संकेत है कि शेयर में तेजी जारी रह सकती है।
वॉल्यूम को कैसे मापा जाता है?
वॉल्यूम को मापना बहुत आसान है। शेयर बाजार में हर दिन वॉल्यूम डेटा उपलब्ध होता है। इसे आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं।
- कैंडलस्टिक चार्ट: यह दिखाता है कि हर कैंडल के नीचे वॉल्यूम बार कैसे बना है।
- ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर: जैसे ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स में वॉल्यूम का डेटा आसानी से दिखता है।
- न्यूज़ और रिपोर्ट: कई वेबसाइट्स और न्यूज़ चैनल भी वॉल्यूम डेटा देते हैं।
उदाहरण: अगर आप किसी शेयर का चार्ट खोलते हैं, तो नीचे एक बार ग्राफ दिखेगा, जो वॉल्यूम को दर्शाता है।
वॉल्यूम और प्राइस का रिश्ता
वॉल्यूम और प्राइस (कीमत) का गहरा रिश्ता है।
- ज्यादा वॉल्यूम और बढ़ती कीमत: अगर वॉल्यूम ज्यादा है और कीमत भी बढ़ रही है, तो इसका मतलब है कि लोग उस शेयर को खरीदने में रुचि ले रहे हैं।
- कम वॉल्यूम और बढ़ती कीमत: अगर कीमत बढ़ रही है लेकिन वॉल्यूम कम है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह ट्रेंड टिकाऊ नहीं है।
- ज्यादा वॉल्यूम और गिरती कीमत: इसका मतलब है कि लोग उस शेयर को बेच रहे हैं।
उदाहरण: अगर किसी शेयर का वॉल्यूम 1 लाख है और कीमत तेजी से बढ़ रही है, तो इसका मतलब है कि लोग उसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
वॉल्यूम के जरिए सही शेयर कैसे चुनें?
वॉल्यूम देखकर आप सही शेयर का चुनाव कर सकते हैं।
- ज्यादा वॉल्यूम वाले शेयर: ऐसे शेयर में ट्रेड करें जिनका वॉल्यूम ज्यादा हो। यह दिखाता है कि उस शेयर में सक्रियता है।
- कम वॉल्यूम वाले शेयर से बचें: ऐसे शेयर में निवेश न करें जिनका वॉल्यूम कम है।
- वॉल्यूम ब्रेकआउट देखें: अगर वॉल्यूम अचानक बढ़ता है, तो यह शेयर की कीमत में बदलाव का संकेत हो सकता है।
उदाहरण: अगर किसी शेयर का वॉल्यूम अचानक 10,000 से 50,000 हो जाता है, तो यह संकेत है कि कुछ बड़ा हो सकता है।
वॉल्यूम एनालिसिस के टूल्स
वॉल्यूम को समझने के लिए कई टूल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है:
- वॉल्यूम बार: यह ग्राफ के नीचे होता है और वॉल्यूम की स्थिति दिखाता है।
- ओबिवी (OBV - On Balance Volume): यह एक इंडिकेटर है जो वॉल्यूम और कीमत का तालमेल दिखाता है।
- वीडब्ल्यूएपी (VWAP - Volume Weighted Average Price): यह दिखाता है कि किसी दिन की औसत कीमत और वॉल्यूम का क्या संबंध है।
ये टूल्स आपको ट्रेडिंग में सही फैसला लेने में मदद करते हैं।
वॉल्यूम का उपयोग किस प्रकार के ट्रेडर्स करते हैं?
वॉल्यूम का उपयोग कई प्रकार के ट्रेडर्स करते हैं:
- डेली ट्रेडर्स: वॉल्यूम देखकर तय करते हैं कि दिन में किस शेयर में ट्रेड करना है।
- स्विंग ट्रेडर्स: वॉल्यूम के आधार पर समझते हैं कि किसी शेयर में लंबे समय तक पैसा लगाना चाहिए या नहीं।
- लॉन्ग टर्म निवेशक: वॉल्यूम देखकर कंपनी की स्थिरता का अंदाजा लगाते हैं।
वॉल्यूम सभी ट्रेडर्स के लिए महत्वपूर्ण है, चाहे वे किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग कर रहे हों।
वॉल्यूम का प्रभाव शेयर की कीमत पर
वॉल्यूम शेयर की कीमत पर बड़ा प्रभाव डालता है।
- ज्यादा वॉल्यूम: अगर वॉल्यूम ज्यादा है, तो कीमत में बदलाव तेजी से हो सकता है।
- कम वॉल्यूम: अगर वॉल्यूम कम है, तो कीमत में बदलाव धीमा होगा।
- वॉल्यूम स्पाइक: अगर अचानक वॉल्यूम बढ़ता है, तो यह कीमत में बड़े बदलाव का संकेत है।
उदाहरण:अगर किसी खबर के कारण किसी शेयर का वॉल्यूम बढ़ता है, तो कीमत भी तेजी से बढ़ सकती है।
वॉल्यूम से जुड़े सामान्य गलतफहमियां
- केवल वॉल्यूम पर निर्भर न रहें: वॉल्यूम महत्वपूर्ण है, लेकिन कीमत, ट्रेंड, और अन्य संकेतकों को भी देखना चाहिए।
- कम वॉल्यूम वाले शेयर को नजरअंदाज करें: कई बार कम वॉल्यूम वाले शेयर भी अच्छे मुनाफे दे सकते हैं।
- सिर्फ वॉल्यूम ब्रेकआउट पर भरोसा न करें: वॉल्यूम के साथ-साथ अन्य इंडिकेटर्स का भी उपयोग करें
वॉल्यूम से जुड़े FAQ (सवाल-जवाब)
वॉल्यूम का मतलब क्या है?
वॉल्यूम किसी शेयर या वित्तीय इंस्ट्रूमेंट की एक दिन में हुई कुल खरीद और बिक्री को दर्शाता है।
ज्यादा वॉल्यूम का क्या मतलब है?
ज्यादा वॉल्यूम का मतलब है कि उस शेयर में ट्रेडिंग ज्यादा हो रही है, जिससे यह सक्रिय और लोकप्रिय शेयर बनता है।
वॉल्यूम कहां देखें?
आप वॉल्यूम डेटा अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, चार्ट, और न्यूज़ वेबसाइट्स पर देख सकते हैं।
क्या वॉल्यूम कीमत को प्रभावित करता है?
हां, वॉल्यूम और कीमत का गहरा संबंध है। ज्यादा वॉल्यूम कीमत में तेजी या गिरावट का संकेत हो सकता है।
वॉल्यूम एनालिसिस क्यों जरूरी है?
वॉल्यूम एनालिसिस आपको यह समझने में मदद करता है कि बाजार में कौन से शेयर मजबूत हैं और कहां निवेश करना चाहिए।