कॉल और पुट ऑप्शन का संक्षेप - कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित शब्द हैं, जो अक्सर सुनने को मिलते हैं, ये ऑप्शन ट्रेडिंग के प्रकार हैं, कॉल ऑप्शन का उपयोग तब किया जाता है, जब मार्किट में कीमत के बढ़ने की सम्भावना होती है, और पुट का उपयोग तब करते हैं जब कीमतों के घटने की सम्भावना होती है, ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया में ये विशेष स्थान रखते हैं, यदि आप भी ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको इन्हे समझना बहुत जरूरी है | यदि आपको भी नहीं पता की कॉल और पुट का मतलब क्या होता है? तो इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें, ताकि
तो चलिए जानते हैं - cll or put option kya hain
कॉल और पुट ऑप्शन क्या होता है? नए ट्रेडर के लिए आसान भासा में
इससे पहले की हम कॉल व पुट के बारे में जाने आपको जानना जरूरी है की ऑप्शन क्या होते हैं | बाद में कॉल और पुट ऑप्शन से फिर परिचय करेंगे |
ऑप्शन क्या होते हैं ?
दोस्तों option एक contract की तरह ही होता है जिसे खरीदने पर हमे किसी चीज को भविष्य में fix date पर तथा fix price पर खरीदने या बेचने का अधिकार मिलता है। और यह हमारे उपर है की उस फिक्स date पर हम अपने अधिकार का उपयोग करना चाहते हैं या नहीं, और हम अपने अधिकार का उपयोग तभी करना पसंद करेंगे, जब हमे उससे profit होगा।
कॉल ऑप्शन क्या है ?
ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया में कॉल का मतलब खरीदना होता है, और इसे कल ऑप्शन कहते हैं, Call option वह contract कहलाता है, जिसे खरीदने पर हमे future में किसी चीज को एक निर्धारित तारीख और निर्धारित कीमत पर खरीदने का अधिकार मिलता है।
उदहारण-
मान लीजिये आपको किसी प्रॉपर्टी की खबर मिलती है की उसके रेट बढ़ने वाले हैं, तब आप उसके मालिक से उस प्रॉपर्टी को खरीदने की बात करते हैं और उसको कुछ पैसे देकर यह तय करते हैं की यदि उस प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ जायगी तो आप उसे खरीद लेंगे नहीं तो नहीं खरीदेंगे और मालिक से यह अधिकार लेते हैं, आपके पास उसे खरीदने या न खरीदने का ऑप्शन होता है, इसे कॉल कहा जाता और यह ऑप्शन कॉल ऑप्शन कहलाता है |
पुट ऑप्शन क्या है ?
जिस प्रकार ऑप्शन ट्रेडिंग के दुनिया में कॉल का मतलब खरीदना होता है, उसी प्रकार पुट का मतलब बेचना होता है, Put option उस option contract को कहते हैं, जिसे खरीदने पर हमे future में किसी चीज को निर्धारित तारीख व निर्धारित कीमत पर sell करने का अधिकार होता है,
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उदाहरण -
मान लेते हैं- मोहन एक दूध डेयारी का मालिक है उनके पास एक डेरी फार्म है जिसकी बाजार में कीमत (market price) 5 लाख है और मोहन को कुछ दिनों से लग रहा है, की पैकेट वाले दूध के आने की वजह से उनके डेरी के दूध की sell बहुत कम होती जा रही है। हो सकता है उन्हे कुछ महीनों बाद अपना डेरी का bussiness बंद करना पड़े और जब ऐसा होगा तो उनके उनके डेरी फार्म की कीमत 5 लाख से बहुत नीचे गिर जायेगी इसी बात को ध्यान में रखकर मोहन अपने डेरी फार्म को आज के market price यानी 5 लाख में बेचना चाहता है, लेकिन उन्हे लगता है, की कुछ दिनों में लोगों को पैकेट वाला दूध अच्छा ना लगे और वापस से उनकी selling बढ़ सकती है।
इन दोनो तरह के रिस्क को देखते हुए मोहन अपने bussiness men फ्रेंड को 20000 रुपए देकर अपना डेरी फार्म आज से 6 महीने बाद 5 लाख रुपए में sell करने का option contract किया और और अधिकार लिया आज से 6 महीने बाद 5 लाख रुपए में वो sell कर सकता है,
मोहन को यह अधिकार है की यदि वो इस डेरी फार्म को 6 महीने बाद बेचने का निर्णय लेता है तो उनके bussiness men दोस्त को उसका डेरी फार्म 5 लाख में खरीदना ही पड़ेगा, चाहे मोहन के फार्म की कीमत गिरके 2 लाख भी हो जाय।
इस प्रकार मोहन ने अपने दोस्त को future में अपना डेरी फार्म 5 लाख रुपए में sell करने का option contract buy किया हम इसी contract को put option कहते हैं। इस प्रकार हम मोहन को put option buyer और उसके दोस्त को put option seller कहेंगे।
पुट और कॉल ऑप्शन का इस्तेमाल कहां होता है?
पुट और कॉल ऑप्शन का इस्तेमाल ऑप्शन ट्रेडिंग में होता हैं, मैं आपको बताना चाहूंगा की जब कोई ऑप्शन ट्रेडिंग करता है, तो उसे इसमें 2 तरह के ऑप्शन खरीदने व बेचने को मिलते हैं |
मान लेते हैं कोई ट्रेडर निफ़्टी में ऑप्शन ट्रेडिंग करता है, और उसे लगता है, की आज निफ़्टी ऊपर जायेगा तो वह कॉल ऑप्शन buy करता है, कही यदि उसे लगता है की आज निफ़्टी नीचे जाएगा तो वो put ऑप्शन खरीदता है | इसके विपरीत वो इन दोनों ऑप्शन को बेच भी सकता है, जिसे शार्ट सेल्लिंग कहते हैं, यदि उसे लगता है, की निफ़्टी नीचे जाएगा तो वो कॉल या put ऑप्शन को बेच भी सकता है |
कॉल ऑप्शन कब तक होल्ड करना चाहिए?
कॉल ऑप्शन जो कोई ट्रेडर तब खरीदता है, जब उसे लगता है, की मार्किट ऊपर जाएगा, और इसलिए उसे यह भी पता होना चाहिए की कॉल ऑप्शन कब तक होल्ड करना चाहिए, तो मैं आपको बनता चाहूंगा यदि आप इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको इसे एक्सपायरी से पहले जो इंडेक्स में वीकली एक्सपायरी होती है, वहीँ शेयर की बाद करें तो शेयर्स में मंथली एक्सपायरी होती है, अब आप चाहे इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग करें या शेयर में आपको एक्सपायरी से फे होल्डिंग से हटा देना चाहिए |
अगर मैं अपना कॉल ऑप्शन नहीं बेचता तो क्या होता है?
यदि आप कॉल ऑप्शन को एक्सपायरी से पहले नही बेचते तो आपका खरीदा हुआ प्रीमियम एक्सपायरी के दिन घटकर 0 हो जाता है, जिससे आपका सारा पैसा भी 0 हो जायगा, इसलिए याद रखें आपको एक्सपायरी से पहले कॉल ऑप्शन बेच देना चाहिए |
कॉल और पुट ऑप्शन कब खरीदें?
कॉल और पुट ऑप्शन खरीदने का दोनों का समय अलग - अलग है, क्यूंकि ऑप्शन ट्रेडिंग में कोई ट्रेडर कॉल ऑप्शन तब खरीदता है, जब उसे लगता है, मार्किट ऊपर जाएगा | वहीँ put ऑप्शन तब खरीदता है, जब उसे लगता है, की मार्किट नीचे जाएगा | इसमें यह बात आपको जरूर याद रखना है, मार्किट ऊपर जाने या नीचे जाने में आपको ऑप्शन खरीने है| चाहे वह कॉल हो या put |
ऑप्शन खरीदने का सबसे अच्छा दिन कौन सा है?
ऑप्शन खरीदने का सबसे अच्छा दिन सोमवार होता है, क्यूंकि इस दिन मार्किट 2 दिन की छुट्टी के बाद खुलता है, जिससे मार्किट में आपको अच्छी मूवमेंट्स देखने को मिल जाती है, और इन मूवमेंट्स की वजह से आप कुछ ही समय में प्रॉफिट कमा सकते हैं, इसके अलावा यदि आप इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो सोमवार को ऑप्शन खरीदने से आपको 4 दिन तक होल्ड करने का मौका मिल जाता है | इतने में आप मार्किट को सही से समझकर हप्ते भर में अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं |
ऑप्शन का प्राइस कब बढ़ता है?
वोलैटिलिटी ऑप्शन के प्राइस बढ़ने में एक फैक्टर है। जैसे ही वोलैटिलिटी ज्यादा हो जाटी है, ऑप्शन की कीमते भी बढ़ जाती है, इसके अलावा ऑप्शन की कीमते बढ़ें के कुछ कारण स्टॉक एक्सपायरी टाइम, मार्किट में कोई न्यूज़ आना व किसी बड़े इन्वेटर द्वारा इन्वेस्ट करना जैसे अन्य फैक्टर हो सकते हैं।
जब आप कॉल ऑप्शन का प्रयोग करते हैं तो क्या होता है?
जब आप कॉल ऑप्शन का प्रयोग करते हैं, तो मार्किट के ऊपर जाने पर आपको प्रॉफिट होता है, और यदि किसी कारण से मार्किट नीचे जाता है, तो आपको लॉस होता है |
कॉल और पुट को कैसे समझें?
यदि कॉल और पुट ऑप्शन को आसान भाषा में समझाऊं तो ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको कॉल ऑप्शन ट्रेड तब करना होता है, जब हमे लगता है, की कीमत बढ़ेगी | वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको पुट ऑप्शन ट्रेड तब करना है, जब आपको ऐसा लगे की शेयर की कीमते गिरने वाली है।
क्या होता है जब आप कॉल ऑप्शन बेचते हैं?'
जब भी आप कॉल ऑप्शन को बेचते हैं, तो आपको एक्सचेंज में एक मार्जिन जमा करना होता है, जिससे आपको एक प्रीमियम प्राप्त होता है। इसके अलावा यदि आप ऑप्शन बेचते हैं, तो आपका प्रॉफिट लिमिटेड होता है, यानी आपको जितना प्रीमियम मिल रहा है, लेकिन यहाँ आपको होने वाले नुकसान की कोई लिमिट नहीं होती।
◾️आज हमने क्या सीखा:-
आज के ब्लॉग में हमने कॉल और पुट ऑप्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की कॉल और पुट का मतलब क्या होता है?, तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी। जो आपको ऑप्शन ट्रेड करने में आपकी मदद करेगी ।
आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏😊
यदि आपको कॉल और पुट से related कोई जानकारी चाहिए या कोई डाउट हो तो आप comment करके हमे बता सकते। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे।
धन्यवाद ( Thank you)
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