शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न क्या है, चार्ट पेटर्न के प्रकार – Chart Patterns in Hindi

शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न क्या है, चार्ट पेटर्न के प्रकार – Chart Patterns in Hindi
जैसा की कुछ समय पहले मैंने अपनी एक पोस्ट में आपको बताया था, कि शेयर मार्किट चार्ट कैसे समझे और उसी से रिलेटेड आज कुछ जरूरी बाते मैं आपको बताने वाला हूँ जो है  की ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न (Share market chart patterns in hindi) . शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न क्या होते हैं | चार्ट पेटर्न के प्रकार | ट्रेडिंग चार्ट पेटर्न | chart patterns in hindi | Trading chart patterns in stock market | Types of chart patterns in hindi

आज के इस ब्लॉग में अंत तक बने रहिये क्यूंकि आज के इस ब्लॉग में मैं आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग चार्ट पेटर्न कितने प्रकार के होते हैं? तथा चार्ट से जुडी अन्य महत्वपूर्ण बताने वाला हूँ, जिससे आप चार्ट को आसानी से देखकर ट्रेड कर सकते हैं | साथ ही यहाँ आपको कुछ सबसे सफल चार्ट पैटर्न भी बताने वाले हैं जिन्हे सीखकर आप ट्रेडिंग में जल्दी सफलता प्राप्त कर सकेंगे | 

तो चलिए शुरू करते हैं - 

Table of Contents
    

शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न क्या है, चार्ट पेटर्न के प्रकार – Chart Patterns in Hindi

शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न क्या है, चार्ट पेटर्न के प्रकार – Chart Patterns in Hindi

चार्ट पैटर्न क्या होते हैं?

शेयर मार्किट में चार्ट पर बनने वाले पैटर्न को ही चार्ट पेटर्न कहते हैं। किसी स्टॉक या इंडेक्स का चार्ट पेटर्न बताता है, या कहें शेयर मार्किट किसी शेयर को ओपन करने पर हमे जो ग्रीन व रेड कैंडल का चार्ट दीखता है, उसमें बहुत से पैटर्न बने होते हैं, इस बनने वाले पैटर्न को ही चार्ट पेटर्न कहते हैं। ये पैटर्न संभावित मार्केट ट्रेंड, रिवर्सल और निरंतरता के बारे में ट्रेडर को मूल्यवान जानकारी प्रदान करते हैं. किसी शेयर या इंडेक्स का चार्ट पेटर्न ट्रेडिंग के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस के प्राइस को बताता है, साथ ही बताता की बाजार का ट्रेंड( up 0r down ) किस तरफ है,  आपको ट्रेड करते समय स्टॉप लॉस और टारगेट पॉइंट्स और शेयर का प्राइस यहां से बढ़ेगा या गिरेगा पता चलता है ।

जब आप टेक्निकल एनालिसिस कर रहे होते हैं तो उस समय चार्ट पेटर्न देखना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। इस शेयर मार्किट चार्ट में ग्राफ और ट्रेंडलाइन की मदद से आप अलग-अलग ट्रेडिंग पैटर्न बना या पता कर सकते है।

शेयर की कीमत में मूवमेंट होने से चार्ट पर बहुत सारी लाल और हरी कैंडल बनती हैं और इन कैंडल्स से मिलकर कैंडलेस्टिक चार्ट पैटर्न बनाते है।

इस पोस्ट में आगे मैं आपको अलग-अलग तरह के चार्ट पेटर्न बताने वाले हैं, जो आपको बताएंगे कि शेयर प्राइस कब ऊपर जाएगा और कब नीचे।

बहुत सारे ऐसे प्रोफेशनल ट्रेडर्स हैं, जो केवल chart patterns में ही ट्रेड करते हैं। और कुछ ट्रेडर चार्ट में बहुत से इंडिकेटर्स का उपयोग करते हैं, जो कीमत के ऊपर या नीचे जाने पर संकेत देता हैं जैसे– मूविंग एवरेज, रिलेटिव स्ट्रैंथ इंडेक्स (RSI), VWAP आदि।

अलग - अलग समय की चार्ट में अलग - अलग प्रकार के चार्ट पैटर्न बनते हैं, जैसे कि- ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट पर अलग पैटर्न बनेगा और इंट्राडे चार्ट पर अलग पैटर्न बनेगा। इसीलिए यह पूरी तरह इसपर निर्भर करता है, की आप किस प्रकार की कर रहे है, और उसी से आपको पता लगता है की आपके लिए सबसे सफल चार्ट पेटर्न कौन सा रहेगा। पढ़ें -  Over trading se kaise bache | ओवर ट्रेडिंग से बचने के 10 आसान तरीके 

चार्ट पेटर्न कितने प्रकार के होते हैं?

आप को बता दे की शेयर बाजार(Stock Market) में चार्ट पैटर्न मुख्यत: 3 प्रकार के होते हैं - 
  • रिवर्सल चार्ट पैटर्न (Reversal Pattern)
  • कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न (Continuation Pattern)
  • न्यूट्रल चार्ट पैटर्न (Neutral Pattern)
रिवर्सल चार्ट पैटर्न:  रिवर्सल चार्ट पैटर्न ट्रेंड बदलने का संकेत देता है, यानी यदि  ट्रेंड (Up trend ) ऊपर जा रहा है है, और यदि चार्ट पर कोई रिवर्सल पैटर्न बनाता दिख रहा है, तो ट्रेंड की दिशा बदलने की सम्भावना हो सकती हैं।

कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न: कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न ट्रेंड जैसा चल रहा है, वैसा ही चलता रहेगा यह बताता हैं, यानी यदि चार्ट पर uptrend या downtrend में से कोई भी trend चल रहा है, तो आगे भी कुछ समय तक वही चलने वाला है |  

न्यूट्रल चार्ट पैटर्न: न्यूट्रल चार्ट पैटर्न बताता है, कि ब्रेकआउट जिस डायरेक्शन में होगा, ज्यादा चांस होंगे की ट्रेंड भी उसी डायरेक्शन में move करेगा | 

जब आपने ये तीन सबसे जरूरी पैटर्न जान लिए तो इन तीनों की चार्ट पैटर्न के अंदर अलग-अलग प्रकार के जो पैटर्न बनते हैं, उन्हें जानना सबसे ज्यादा जरूरी हैं, जो हम आगे बाताने वाले हैं।

चार्ट पैटर्न के प्रकार व इनके अंदर आने वाले चार्ट पैटर्न के नाम 
  • रेवर्सल चार्ट पेटर्न            - डबल टॉप, डबल बॉटम, ट्रिपल टॉप, ट्रिपल बॉटम, हेड एंड शोल्डर और रिवर्स हेड एंड शोल्डर
  • कंटिन्यूएशन चार्ट पेटर्न   - बुलिश रैक्टेंगल और बेरिश रेक्टेंगल
  • न्यूट्रल चार्ट पेटर्न              - सिममेट्रिकल कांट्रेक्टिंग ट्रायंगल, सिममेट्रिकल एक्सपैंडिंग ट्रायंगल
तो चलिए एक - एक करके इन सभी important ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न के बारे में जानते हैं–

रिवर्सल चार्ट पैटर्न -

चलिए तो रिवर्सल चार्ट पैटर्न के अंदर आने वाले मुख्य चार्ट पैटर्न के बारे में जानते हैं - 

1. डबल टॉप चार्ट पेटर्न (Double Top Chart Pattern in Hindi)

यदि आप ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको इस पैटर्न के बारे में जरूर पता होना चाहिए क्यूंकि, डबल टॉप चार्ट पेटर्न ट्रेडिंग के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है, यह पैटर्न आपको चार्ट में बहुत बार बनते हुए दिखेगा। डबल टॉप की बात करें तो यह एक सबसे कॉमन चार्ट पेटर्न है, जो आपने चार्ट में बहुत बारी देखा होगा।

डबल टॉप पैटर्न कैसा दीखता है - यदि बात करें ये कैसा दीखता है, तो जब आपको किसी शेयर की चार्ट में कोई स्टॉक प्राइस पहले ऊपर बढ़ता और फिर किसी रेजिस्टेंस लेवल से टकराकर नीचे जाता है और इसके बाद किसी सपोर्ट लेवल को छूकर वापस से ऊपर की ओर जाता हुआ दीखता है। और वो प्राइस फिरसे उसी रेजिस्टेंस लेवल पर छूकर वापस नीचे की ओर लौट जाता है। तो इस प्रकार का पैटर्न डबल टॉप पैटर्न कहलाता है | 

इस पैटर्न को देखने पर आपको 2 रेसिस्टेंस या टॉप दिखते हैं, इस कारण इसे डबल टॉप कहा जाता है। यह पैटर्न चार्ट पर देखने में अंग्रेजी के अक्षर ‘M‘ के आकार जैसा दिखाई देता है।

यह चार्ट पेटर्न देखने से पता चलता है, कि शेयर की कीमत ने दो बार ऊपर जाने की कोशिश की पर बाजार में sellers पावरफुल होने से वो जो प्राइस को नीचे ले जाते हैं। मतलब जिस रेजिस्टेंस लेवल पर प्राइस दो बार टच किया वहां  बहुत सारे sellers बैठे हुए हैं, जो प्राइस को बार-बार नीचे कर देते हैं।

डबल टॉप पैटर्न में एंट्री कहाँ लें - डबल टॉप पैटर्न में एंट्री तब लेनी है, जब प्राइस अपने सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है क्यूंकि यह ट्रेड करने का सबसे अच्छा मौका माना जाता है, इस समय जैसे ही सपोर्ट लेवल के टूटता है आपको अगली कैंडल के low पर एंट्री लेनी है।

और इसमें टारगेट आपका उसी सपोर्ट और ऊपर रेजिस्टेंस के बीच का अंतर होगा | 

उदहारण के  लिए - मान लेते है,  कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच का जो प्राइस डिफरेंस है वो 100 रुपये है, ब्रेकआउट होने पर सपोर्ट लेवल पर नीचे की ओर आप अपना टारगेट 100 रुपये रख सकते हैं ।

दोस्तों आपको यह ध्यान रखना चाहिए की डबल टॉप  एक बहुत ही पावरफुल पैटर्न है, और इसका उपयोग करके आप बहुत से ट्रेड में रोज प्रॉफिट कमा सकते हैं। लेकिन यदि आप नए हैं, तो आपको सबसे पहले इस चार्ट पैटर्न को अच्छे प्रैक्टिस करना है, ताकि आप जब ट्रेड कर रहे हैं, तो इसे आसानी से पहचान सकें ।

डबल टॉप चार्ट पेटर्न का कंफर्मेशन कैसे करें - 

डबल टॉप चार्ट पेटर्न के कंफर्मेशन के लिए आपको नीचे बताई बातों का विशेष ध्यान रखना हैं;
  • जब आप इस पैटर्न को देखेंगे तो आपको डबल टॉप में जो पहला टॉप (रेसिस्टेंस) होगा उस पर वॉल्यूम ज्यादा और दूसरे टॉप पर वॉल्यूम थोड़े कम होंगे।
  • इन वॉल्यूम को देखने से आपको यह कंफर्मेशन मिलता है, कि यह वाकई डबल टॉप पेटर्न है, या नहीं।
  • सबसे ज्यादा याद रखना जो जरूरी है वो है, सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच में प्राइस का जितना अंतर है, आपको सपोर्ट के नीचे उतना ही टारगेट रखना है। ( यदि रेसिस्टेंस - सपोर्ट = 100 तो टारगेट = 100 )  
  • इसका सीधा मतलब है की ब्रेकआउट के बाद आपका नीचे की ओर जो टारगेट है वो ऊपर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस के प्राइस का अंतर होना चाहिए।
  • वॉल्यूम को जरूर देखने क्यूंकि इससे आपको कंफर्मेशन मिलता है, कि यह डबल टॉप पेटर्न है या नहीं।
डबल टॉप चार्ट पेटर्न यह भी याद रखें कि –
  • इस पैटर्न में सपोर्ट लेवल टूटने के बाद एंट्री लेते समय वॉल्यूम जरूर देखें ।
  • यदि आपको volume अच्छा खासा दिखे, तब ही ट्रेड करे, इसके विपरीत ट्रेड न करें।
  • याद रखें जब सपोर्ट टूटता है, तो प्राइस जरा सा ऊपर फिर बाद में नीचे की जाना शुरू होता है। इस कन्फोर्मशन भी कहते है | 
  • जब सपोर्ट टूटने के बाद शेयर प्राइस थोड़ा ऊपर जाता तो नए ट्रेडर घबरा जाते हैं, क्यूंकि उन्हें लगता है, की उन्होंने गलत एंट्री ले ली है, लेकिन आपको हमेशा यह ध्यान रखना है, कि प्राइस थोड़ा retrace होता है।
  • इसलिए आपको बिना घबराये ट्रेड लेना है, क्योंकि यदि selling volume अच्छा खासा है, तो इसका मतलब यह है, कि मार्केट में sellers ज्यादा एक्टिवेट हो चुके हैं, जो प्राइस को नीचे ले जाते है, और आपको टारगेट जितना फायदा हो जाएगा।
 याद रखने योग्य बात - 
  • इस पैटर्न में आपको तभी ट्रेड करना है, जब ब्रेकआउट हो और वॉल्यूम ज्यादा हो
  • और इसके अलावा  तभी ट्रेड करें, जब जिस कैंडल पर ब्रेकआउट हुआ है, उसकी अगली कैंडल पिछली कैंडल का लो को ब्रेक कर दे | 
अब जब आपको एंट्री का पता चल गया है, और आपने ये भी जान लिया है की सपोर्ट और रेजिस्टेंस के प्राइस का अंतर ही टारगेट होगा। तो अब आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा,  कि डबल टॉप पैटर्न में स्टॉप लॉस क्या होगा?

डबल टॉप पैटर्न में स्टॉपलॉस  कितना होना चाहिए  - 

तो देखिए आपको स्टॉप लॉस 1:3 रखना चाहिए मतलब यदि आपका टारगेट 100 रुपये का है तो आप जो स्टॉप लॉस लगाएंगे वो  30 रुपये का होगा।उम्मीद है, आपको अभी तक मैंने जो बताया वो समझ आया होगा। 

2. ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न (Triple Top chart pattern in Hindi)

यह पैटर्न डबल टॉप की तरह ही है, यानी यदि प्राइस किसी एक रेजिस्टेंस लेवल से 3 बार टकराकर वापस नीचे की लौट जाता है |  तो इससे  बनने वाले पैटर्न को ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न कहते है। और इसमें बाकी सब डबल टॉप की तरह same ही रहता है। इसीलिए इस पर ज्यादा बात करना व्यर्थ होगा।

3. डबल बॉटम चार्ट पेटर्न (Double Bottom Chart Pattern in Hindi)

डबल बॉटम चार्ट पेटर्न की बात करें तो ये डबल टॉप पैटर्न के बिल्कुल विपरीत बनता है। इसमें जब किसी शेयर का प्राइस किसी रेजिस्टेंस लेवल को 2 बार छूक ऊपर की ओर फिरसे लौट जाता है तो इस तरह बनने वाला चार्ट पैटर्न  डबल बॉटम चार्ट पेटर्न कहलाता है।

इस पैटर्न में 2 सपोर्ट या बॉटम बनते दिखाई देते हैं, इसीलिए इसे डबल बॉटम कहा जाता है। यह पैटर्न आपको शेयर की चार्ट में अंग्रेजी के अक्षर ‘W‘ के आकार जैसा दिखयी देता है।

4. हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न (Head and Shoulders Chart Pattern in Hindi)

 हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न में आपको तीन टॉप दिखाई देते हैं, लेकिन इसमें जो बीच वाला टॉप होता है, वो अगल बगल वाले दोनों टॉप से  थोड़ा ऊपर होता है, और अगल बगल के दोनों टॉप बीच वाले से थोड़ी नीचे होंते हैं. इसमें जो बीच वाला टॉप होता है, वह इंसान के सिर की तरह और अगल बगल वाले दोनों टॉप कंधे की तरह दिखाई देते हैं, इस वजह से इस चार्ट पेटर्न को ‘हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न‘ कहा गया है।

इस पैटर्न में पहले स्टॉक का प्राइस ऊपर की ओर फिर किसी रेजिस्टेंस एरिया को छूकर नीचे चला जाता है, फिर दोबारा नीचे वाले सपोर्ट को छूकर वापस से ऊपर की ओर जाने लगता है।

लेकिन जब आप इसे अच्छे से देखेंगे तो आपको इस बार ये प्राइस पहले वाले रेजिस्टेंस लेवल के भी थोड़ा और ऊपर जाता है, और फिर दोबारा से नीचे आना शुरू हो जाता है,  और ऐसा करते-करते वो पहले वाले सपोर्ट लेवल को छूकर फिरसे ऊपर की ओर जाने लगता है, और अब तीसरी बार इस शेयर का प्राइस पहले वाले रेसिस्टेंट तक  ऊपर जा पाता है, और वापस नीचे आता है।

और जब कोई शेयर इस तरह मूव करता है, तो उस शेयर के चार्ट पर हेड एंड शोल्डर पेटर्न बनता हुआ दिखाई देता  है। जब आप इस  चार्ट पैटर्न को देखते हैं तो इस चार्ट पैटर्न में आपको पहले और तीसरे रेसिस्टेंट लेवल सामन दिखाई देते हैं, और इसमें बीच वाला रेजिस्टेंस थोड़ा ऊपर होता है।

हेड एंड सोल्डर पैटर्न में एंट्री कहां लेनी है 

जब नीचे का सपोर्ट लेवल टूटता तो आप एंट्री ले सकते हैं, और इसमें आपका टारगेट सपोर्ट लेवल से ऊपर बीच वाले रेजिस्टेंस के बीच का अंतर है। और stop loss आप 1:3 का लगा सकते हैं।

5. रिवर्स हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न (Reverse Head and Shoulders Chart Pattern in Hindi)

जब किसी शेयर की चार्ट पर आपको उल्टा हेड एंड शोल्डर पेटर्न दिखे तो उसे ‘रिवर्स हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न’ कहा जाता हैं। यह बनता तो हेड एंड सोल्डर की तरह है, बस उल्टा बनता है | इस पैटर्न में शेयर का प्राइस पहले डाउनट्रेंड में चलता है, फिर किसी सपोर्ट को छूकर ऊपर जाने लगता है, फिर थोड़ा ऊपर जाने पर किसी रेजिस्टेंस लेवल्स को छूकर नीचे चला जाता है।

पर इस पैटर्न में प्राइस पहले सपोर्ट से थोड़ा और नीचे वाले सपोर्ट को छूकर फिरसे ऊपर की तरफ जाने लगता है, और इसके बाद पहले वाले रेजिस्टेंस को छूकर नीचे चला जाता है और इसके बाद पहले वाले सपोर्ट को छूकर वापस बढ़ने लगता है। जब किसी शेयर में प्राइस इस तरह मूव करता है, तो आपको चार्ट में रिवर्स हेड एंड शोल्डर पेटर्न बनता हुआ दिखाई देता है।

हेड एंड सोल्डर चार्ट पैटर्न में ट्रेड कहाँ लेना चाहिए - 

जब  रेजिस्टेंस लेवल नीचे टूटेगा तो आप इसमें एंट्री ले सकते हैं, और आपका ऊपर की ओर टारगेट वही होगा जो रेसिस्टेंस लेवल और सपोर्ट लेवल का अंतर है। अभी तक हमने रिवर्सल चार्ट पेटर्न के बारे जरूरी बात की जिसमें ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेंड रिवर्स हो जाता है। मतलब यदि ट्रेंड लगातार ऊपर जा रहा होता है, तो ब्रेकआउट के बाद वो नीचे जाने लग जाता है, और यदि  नीचे जा रहा है, तो ब्रेकआउट के बाद वो ऊपर जाने लगता है।

Reversal chart patterns के अंदर हमने इन सबसे जरूरी चार्ट patterns के बारे में जाना -
  • डबल टॉप
  • डबल बॉटम
  • ट्रिपल टॉप
  • ट्रिपल बॉटम
  • हेड एंड शोल्डर
  • रिवर्स हेड एंड शोल्डर
तो अब दूसरे प्रकार के चार्ट पेटर्न  बारे में जानते हैं, जैसे -  कंटीन्यूएसन चार्ट पैटर्न्स. जिसमे पहले uptrend या downtrend होता है, और थोड़ी समय के लिए वह sideways हो जाता है, मतलब उस स्टॉक का प्राइस एक ही रेंज में घूमता रहता है।

आज हमने क्या सीखा -

आज के ब्लॉग में हमने शेयर मार्केट में चार्ट पैटर्न क्या है, चार्ट पेटर्न के प्रकार – Chart Patterns in Hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी।  

आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏😊

यदि आपको शेयर मार्किट चार्ट पैटर्न  से related कोई जानकारी चाहिए तो आप comment करके हमे बता सकते। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे। 

धन्यवाद ( Thank you )

About the Author

I am Pranshu Soni, I am a blogger and I give information about Investment, Trading, Share Market Concept, Share Price Target, And Best Share to people in my blog.

एक टिप्पणी भेजें

यदि आपको कोई भी doubts हैं, आप मुझे बताएं ।
Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.