PB रेश्यो क्या है ? | pb ratio in share market in hindi

PB रेश्यो क्या है ? | pb ratio in share market in hindi

PB रेश्यो जो शेयर बाजार का एक बहुत बड़ा हिस्सा माना जाता है, और हर एक इन्वेस्टर जब किसी शेयर में इन्वेस्ट करने की सोंचता है, तो वो उस शेयर की फंडामेंटल रिसर्च करते समय इस रेश्यो को जरूर देखता है, शेयर बाजार में यह एक जरूरी रेश्यो माना जाता है, इसलिए आपको इसे जानना बहुत जरूरी है, यदि आपको भी नहीं पता की PB रेश्यो क्या है ? तो आज के इस ब्लॉग को आपको पूरा पढ़ना चाहिए, इस ब्लॉग में मैंने आपको pb ratio in share market in hindi में बताया है | 

तो चलिए जानते हैं -  pb ratio in share market in hindi 

PB रेश्यो क्या है ? | pb ratio in share market in hindi 

PB रेश्यो क्या है ? | pb ratio in share market in hindi  
PB रेशियो जिसे "प्राइस टू बुक रेशियो" भी कहा जाता है । इस रेश्यो को देखकर हमें पता चलता है, कि हम किसी कंपनी के शेयर को उसकी असली कीमत की तुलना में कितने ज्यादा पैसे में खरीद रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का PB रेशियो 4 है, तो यह हमे बताता है, कि हम उस कंपनी के एक शेयर की असली कीमत से 4 गुना ज्यादा पैसा दे रहे हैं।

सूत्र - किसी भी कंपनी का  - प्राइस टू बुक रेशियो (PB Ratio) = प्रति शेयर की वर्तमान कीमत / प्रति शेयर बुक वैल्यू

बुक वैल्यू / Book Value क्या होती है ? 

किसी कंपनी की बुक वैल्यू उस कंपनी की पूरी संपत्ति को कहा जाता है। किसी भी कंपनी के पास दो तरह की संपत्तियाँ होती हैं। पहली, जो कंपनी की खुदकी संपत्ति होती है। दूसरी, वह सम्पतित जो असल में तो किसी और की होती है, लेकिन कंपनी उसे अपने काम में उपयोग करती है। जो संपत्ति कंपनी की नहीं होती, लेकिन कंपनी उसे अपने काम में इस्तेमाल करती है, उसे कंपनी के ऊपर कर्ज या देनदारी कहा जाता है।

बुक वैल्यू को इस सूत्र से समझें - बुक वैल्यू / Book Value = कंपनी के बिजनेस का कुल एसेट – कंपनी की कुल देनदारी

उदहारण -  मान लो कोई कम्पनी A की कुल संपत्ति 300 करोड़ रुपये है, (जैसे पूंजी, जमीन, प्लांट, कार, मशीनरी आदि को मिलाकर। और कोई भी कंपनी बड़ी हो या छोटी वो इन्हीं चीजों से अपना बिजनेस कर रही है। इसमें से कंपनी के ऊपर 50 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसे एक समय चुकाना ही पड़ेगा, यानी यह उसकी देनदारी है। इस स्थिति में कंपनी की बुक वैल्यू होगी: 300 – 50 = 250 करोड़ रुपये।

ऐसे में यदि कंपनी को कभी अपना बिजनेस बंद करना पड़ा तो उसके पास खुदका जो 250 करोड़ रूपये है उसे वो  कंपनी अपने शेयर होल्डर के बीच में बाँट सकती है |

प्राइस टू बुक रेशियो को आसानी से कैसे चेक करें

जब हम शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं, तो हमे उस कंपनी के Dividend Yield, ROCE, ROE, PE रेशियो और PB रेशियो को एक बार जरूर देखना चाहिए और उसका अध्ययन करता चाहिए हैं। किसी भी कम्पनी के इन सभी रेशियो को देखने और जानने के लिए आपको किसी तरह भी तरह की गणना करने की जरूरत नहीं होती है। आज इंटरनेट की सहायता से आप कुछ ही क्लिक में ये सारी जानकारी देख सकते है।

बाज़ार में प्राइस टू बुक रेशियो का प्रयोग कैसे करें

बाजार में किसी कम्पनी का प्राइस टू बुक रेश्यो का प्रयोग करने के लिए आपको कुछ जरूरी बातों को ध्यान में  रखना चाहिए - 
  1. यदि शेयर बाजार में किसी कंपनी के PB रेशियो का मान 1 है, तो यह बताता है, कि इस समय उस कंपनी का शेयर उसकी असली कीमत पर चल रहा है। यानी, कंपनी का शेयर न तो बहुत महंगा है, और न ही बहुत सस्ता।
  2. यदि किसी कंपनी का PB रेशियो 1 से ज्यादा है, तो यह बताता है कि इस समय कंपनी का शेयर काफी महंगा है, वैसे आपको पता होना चाहिए जिस कंपनी का ब्रांड बड़ा व अच्छा होता है और जो तेजी से बढ़ रही होती है, ऐसी कंपनीया ज्यादा महंगी बिकती है, और साथ ही जिन कंपनियों का प्रॉफिट तेजी से बढ़ रहा होता है, उनकी PE रेशियो और PB रेशियो भी ज्यादा होती है। इसे Overvalued Stock नहीं कहा जाता।
  3. यदि किसी कंपनी का PB रेशियो 1 से कम होता है, तो यह बताता है, की कंपनी का शेयर अपने वास्तविक कीमत से कम में बिक रहा है। ऐसा तब होता है जब किसी कंपनी में ग्रोथ नहीं हो रही होती और कंपनी को काम प्रॉफिट के साथ बिक्री भी कम हो रही होती है । ऐसी स्थिति में, लोग कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए ज्यादा उत्सुक नहीं होते हैं, जिससे धीरे धीरे शेयर की कीमत कम होती जाती है, ऐसे में PB रेशियो 1 से कम हो जाता है।

PB रेशियो की सीमाएँ (Limits Of PB Ratio)

बाजार में काम करने वाली ज्यादातर कंपनियों के जो मुख्य एसेट होते हैं, वो हैं - पूंजी, जमीन, प्लांट, कार, मशीनरी (जो दिखाई जा सकती है)। लेकिन कुछ क्षेत्र होते हैं जहां प्लांट, कार, मशीनरी जैसी चीजें काम नहीं आती। जैसे IT (Information Technology) क्षेत्र, जहां ऐसे उपकरणों की जरूरत नहीं होती। इन कंपनियों में, कर्मचारी ही उनके मुख्य एसेट होते हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों का PB रेशियो हमेशा अधिक होता है।

आज हमने जाना   -

आज के ब्लॉग में PB रेश्यो क्या है ? | pb ratio in share market in hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी। 

आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद 🙏😊

यदि आपको PB रेश्यो से जुडी किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप comment करके जरूर बताएं। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे। 

धन्यवाद 

About the Author

I am Pranshu Soni, I am a blogger and I give information about Investment, Trading, Share Market Concept, Share Price Target, And Best Share to people in my blog.

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