शेयर मार्केट, जिसे हम स्टॉक मार्केट भी कहते हैं, वह जगह है जहां कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। यहां निवेशक अपनी बचत को बढ़ाने के लिए कंपनियों में पैसा लगाते हैं। यह बाजार दो प्रकार का होता है: प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार। इस ब्लॉग में हम शेयर मार्केट की बेसिक जानकारी को आसान भाषा में समझेंगे।
तो चलिए जानते हैं - Share Bajar Ka Basic Knowladge Kya Hai
शेयर मार्केट का बेसिक नॉलेज क्या है?

शेयर मार्केट की परिभाषा और कार्य
शेयर मार्केट वह प्लेटफॉर्म है जहां कंपनियां अपने शेयर बेचकर पूंजी जुटाती हैं। शेयर का मतलब है किसी कंपनी में आपका मालिकाना हक। जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं, तो आप उसके छोटे से हिस्से के मालिक बन जाते हैं। शेयर मार्केट का मुख्य कार्य है कंपनियों और निवेशकों को जोड़ना। यह बाजार आर्थिक विकास में मदद करता है क्योंकि कंपनियां अपनी जरूरत की पूंजी यहीं से प्राप्त करती हैं।
प्राथमिक और द्वितीयक बाजार का परिचय
प्राथमिक बाजार वह जगह है जहां कंपनी पहली बार अपने शेयर बेचती है, जिसे हम आईपीओ (IPO) कहते हैं। द्वितीयक बाजार वह जगह है जहां निवेशक शेयरों को एक-दूसरे के बीच खरीदते और बेचते हैं। प्राथमिक बाजार में कंपनी सीधे निवेशकों से पैसा जुटाती है, जबकि द्वितीयक बाजार में शेयरों की कीमत डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है। दोनों बाजार एक साथ मिलकर शेयर मार्केट को बनाते हैं।
शेयर क्या होते हैं और इन्हें कैसे खरीदा-बेचा जाता है?
शेयर किसी कंपनी में हिस्सेदारी का प्रमाण होते हैं। जब आप शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के मुनाफे और नुकसान में हिस्सेदार बन जाते हैं। शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। आप शेयर मार्केट के ब्रोकर के माध्यम से ट्रेड कर सकते हैं। मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने इसे और भी आसान बना दिया है।
आईपीओ (IPO) क्या है?
आईपीओ का मतलब है “इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग”। यह वह प्रक्रिया है जिसके तहत कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को बेचती है। आईपीओ के जरिए कंपनी को निवेशकों से पूंजी मिलती है, जिसे वह अपने बिजनेस को बढ़ाने में लगाती है। अगर आप किसी कंपनी के आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करनी चाहिए।
निवेशक और ट्रेडर में अंतर
निवेशक वे होते हैं जो शेयर लंबे समय तक के लिए खरीदते हैं। उनका उद्देश्य होता है भविष्य में अच्छा रिटर्न पाना। वहीं, ट्रेडर वे होते हैं जो शेयरों को रोजाना खरीदते और बेचते हैं। उनका उद्देश्य होता है छोटे समय में मुनाफा कमाना। निवेशक धैर्यवान होते हैं, जबकि ट्रेडर तेज निर्णय लेते हैं। दोनों की रणनीति अलग होती है।
जोखिम और रिटर्न का सिद्धांत
शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन सही निर्णय लेने पर आपको अच्छा रिटर्न भी मिल सकता है। जोखिम का मतलब है कि आपके निवेश की कीमत कम या ज्यादा हो सकती है। रिटर्न वह लाभ है जो आपको अपने निवेश से मिलता है। शेयर मार्केट में “जितना जोखिम, उतना रिटर्न” का सिद्धांत चलता है।
इंडेक्स (Index) और उनके प्रकार (जैसे निफ्टी, सेंसेक्स)
इंडेक्स शेयर मार्केट का प्रदर्शन दिखाने का पैमाना होता है। यह विभिन्न कंपनियों के शेयरों की कीमतों का औसत होता है। भारत में दो प्रमुख इंडेक्स हैं – निफ्टी और सेंसेक्स। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती हैं, जबकि सेंसेक्स में 30। ये इंडेक्स मार्केट की सेहत को दिखाते हैं।
शेयर की कीमत कैसे निर्धारित होती है?
शेयर की कीमत डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है। अगर किसी शेयर को खरीदने वाले ज्यादा हैं, तो उसकी कीमत बढ़ती है। अगर बेचने वाले ज्यादा हैं, तो कीमत गिरती है। इसके अलावा, कंपनी की परफॉर्मेंस, बाजार की स्थिति, और आर्थिक घटनाएं भी शेयर की कीमत को प्रभावित करती हैं।
डिविडेंड और उनका महत्व
डिविडेंड वह हिस्सा है जो कंपनी अपने मुनाफे से अपने शेयरधारकों को देती है। यह निवेशकों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया होता है। डिविडेंड से यह पता चलता है कि कंपनी आर्थिक रूप से मजबूत है। जो कंपनियां नियमित रूप से डिविडेंड देती हैं, वे निवेशकों के बीच ज्यादा लोकप्रिय होती हैं।
लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म निवेश के फायदे और नुकसान
लॉन्ग टर्म निवेश में आप शेयर को कई सालों तक रखते हैं। इसका फायदा यह है कि आपको अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं। नुकसान यह है कि इसमें धैर्य चाहिए। शॉर्ट टर्म निवेश में आप शेयर को कुछ दिनों या महीनों में बेच देते हैं। इसका फायदा यह है कि आपको जल्दी मुनाफा मिल सकता है, लेकिन नुकसान यह है कि जोखिम ज्यादा होता है।
इस ब्लॉग में हमने शेयर मार्केट के बेसिक नॉलेज को आसान भाषा में समझाने की कोशिश की। शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी लेना बहुत जरूरी है।