तो चलिए जानते हैं - fundamental analysis kya hai, kaise kare in hindi
फंडामेंटल एनालिसिस क्या है, कैसे करें ? | fundamental analysis in hindi

किसी भी कंपनी के शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करते समय आपको उस कंपनी का मैनेजमेंट, कंपनी की आर्थिक स्थिति, शेयर का सही मूल्य ,कंपनी के फ्यूचर प्लान, कंपनी भविष्य में कैसे ग्रो करने वाली है, इन सभी चीज़ों का अध्ययन करना होता है। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले किसी भी निवेशक के लिए टेक्निकल एनालिसिस तथा फंडामेंटल एनालिसिस को जानना और उसका अध्ययन करना बहुत जरूरी है | इससे पहले हम जाने की फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें ? आपको जानना जरूरी है की
किसी कम्पनी का फंडामेंटल क्या है ? fundamental kya hai
शेयर बाजार की किसी कंपनी का फंडामेंटल उस कम्पनी की बसिक इनफार्मेशन होती है, जिसे देखकर कंपनी की मजबूती का अंदाजा लगाया जाता है। इस एनालिसिस में हमे कंपनी की आय, प्रॉफिट, कम्पनी के ऊपर कर्ज, कुल संपत्ति, और मैनेजमेंट को देखना होता हैं। इन सभी चीजों को देखकर हमे किसी कंपनी की फाइनेंसियल कंडीशन का अनुमान लग जाता है । यदि किसी कंपनी की इनकम और प्रॉफिट लगातार बढ़ रहा है, और कर्ज कम होने के साथ उसका मैनेजमेंट अच्छा है, तो ऐसी कंपनी का फंडामेंटल काफी मजबूत माना जाता है। किसी कम्पनी के फंडामेंटल को समझकर आप बेहतर इन्वेस्टमेंट निर्णय ले सकते हैं।
फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें ? fundamental analysis kaise kare
किसी भी कम्पनी के फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए आपको उस कम्पनी में ये 13 चीज़ें जरूर देखनी चाहिए ताकि आप पता लगा सकें की आपको उस कम्पनी के शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं |
- कम्पनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट को देखें
- कम्पनी की साल भर की या वार्षिक रिपोर्ट पढ़ें
- उस कम्पनी के लाभ और हानि (P&L) स्टेटमेंट को देखें
- कंपनी किस तरह बिजनेस करती है समझें
- मैनेजमेंट एनालिसिस करें
- डेट-टू-इक्विटी रेशियो को समझें
- उस कंपनी के फ्यूचर प्लान को जाने
- कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन को ऐनालाइज करें
- देखें की कंपनी खुद को बड़ा बनाने के लिए क्या कर रही है
- इंडस्ट्री का एनालिसिस करें
- देखें की कंपनी के बिजनेस में क्या - क्या कमियां हैं
तो चलिए इन सभी को एक एक करके जानते हैं -
1. कम्पनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट को देखें
यह शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी का बहुत ही अच्छा और जरूरी फाइनेंसियल स्टेटमेंट होता है | कैश फ्लो स्टेटमेंट देखने से आपको यह अंदाजा लगता है, कि वो कंपनी कितने नकद पैसों से कारोबार करती है, और उसके पास हर साल कितना कैश क्रेडिट होता है | शेयर मार्केट में कोई भी कंपनी जितना ज्यादा कैश क्रेडिट करती है, उस कम्पनी का फंडामेंटल उतना ही ज्यादा स्ट्रांग होता है, और ये उस कंपनी के भी अच्छा होता है |पढ़ें - शेयर बाजार में आईपीओ क्या है ? आईपीओ के फायदे नुकसान और पूरी जानकारी
2. कम्पनी की साल भर की या वार्षिक रिपोर्ट पढ़ें
हर एक कम्पनी हर साल अपनी कम्पनी की एक वार्षिक रिपोर्ट पब्लिश करती है, जो की खासतौर पर नए इन्वेस्टरस और पुराने शेयरहोल्डर्स के लिए छापी जाती है। जिसके अंदर आपको उस कम्पनी की जरूरी जानकारी दी जाती है, और हर कम्पनी की वार्षिक रिपोर्ट में 3 सबसे बड़े और जरूरी फाइनेंशियल स्टेटमेंट होते हैं, जैसे - प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, बैलेंस शीट और कैश फ्लो स्टेटमेंट, इसके साथ ही आपको सीईओ का एक पत्र भी मिलता है, यदि आप किसी भी कम्पनी की वार्षिक रिपोर्ट को देखना चाहते हैं, तो इसके लिए आप उस कंपनी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर इसे पढ़ सकते हैं | पढ़ें - सेंसेक्स शेयर बाजार क्या है, कैसे काम करता, निवेश कैसे करें ?
3. उस कम्पनी के लाभ और हानि (P&L) स्टेटमेंट को देखें
किसी कम्पनी का लाभ हानि स्टेटमेंट देखने से हमे पता चलता है, की उस कम्पनी को हर साल कितना लाभ व कितनी हानि हो रही है, और वो कितना पैसा बना रही है, यह स्टेटमेंट हमे उस कम्पनी के एक तय समय हुए सारे लेन-देन को दिखता है। यह जो प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट है यह केवल एक आकलन होता है, क्योंकि कंपनी इसमें जो आंकडे दिखाती है, उन्हें बाद में चेंज भी कर सकती है।
जब आप इस लाभ - हानि स्टेटमेंट को देखते हैं, तो आपको कुछ जरूरी चीज़ों को देखना होता है |
- आपको उस कपंनी की साल भर व तिमाही आय देखनी है
- कंपनी की जितनी इनकम है, उसमें से वो खर्च कितना कर रही है |
- कम्पनी कितना टैक्स भर रही है, और उसके अन्य खर्चे क्या हैं |
- एक शेयर में आमदनी जिसे अर्निंग पर शेयर कहा जाता है, उसे देखने |
4. कंपनी किस तरह बिजनेस करती है समझें
कोई कम्पनी प्रॉफिट कमाने के लिए क्या - क्या करती है, उसके प्लान क्या है, उसे बिज़नेस मोडल कहा जाता है| जिसे देखने से आपको पता लगता है की कंपनी किस तरह बिजनेस करती है | किसी भी कम्पनी के बिज़नेस मॉडल को देखने से आपको कम्पनी के बिज़नेस से जुडी बहुत सारी जरूरी बातें पता चलती है| किसी भी कम्पनी के बिज़नेस मॉडल को समझने के लिए आपको कुछ जरूरी चीज़ें देखनी होती हैं |
- कंपनी क्या काम करती है |
- किस - किस तरह से कंपनी पैसा कमाती है |
- कम्पनी कौन से प्रोडक्ट बनती हैं, और उन्हें बनाने के लिए कौन सी चीज़ों का सबसे ज्यादा उपयोग करती है|
- उस कम्पनी को अपना एक प्रोडक्ट बनाने कितना खर्च आता है |
- कंपनी सबसे ज्यादा रिवेन्यू कौन से प्रोडक्ट से बना रही है |
- कंपनी अपने बिज़नेस को बड़ा बनाने के लिए क्या - क्या कर रही है |
- कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन कितना है |
किसी भी कम्पनी के बिज़नेस को अच्छी तरह से समझने के लिए आपको इन सभी चीज़ों को एक बार जरूर देखना चाहिए | पढ़ें - शेयर बाजार में ऑपरेटर कौन होते हैं? इनका काम क्या होता है
5. मैनेजमेंट एनालिसिस करें
कम्पनी का मैनेजमेंट यानी जो उस कम्पनी को मैनेज कर रहे हैं, आपको उनका एनालिसिस करना बहुत जरूरी है | और जिस कम्पनी में आप निवेश करना चाहते हैं, यह बहुत जरूरी है की आप उस कंपनी के मैनेजमेंट में उपस्थित सारे सदस्यों के बारे में जानकारी रखें । क्यूंकि जो कम्पनी को मैनेजमेंट करने वाले होते हैं, वो उस कम्पनी में अपनी शेयर होल्डिंग बढाकर उस कम्पनी के मालिक बन सकते हैं | और जब आपको कम्पनी के मैनेजमेंट के बारे में अच्छी जानकारी होती है, तो आप उसमें इन्वेस्ट करने के लिए सही निर्णय ले पाते हैं | पढ़ें - आज शेयर मार्केट गिरने का कारण क्या है ? 10 पॉइंट्स में जाने
6. डेट-टू-इक्विटी रेशियो को समझें
डेट-टू-इक्विटी रेशियो परिभाषा के अनुसार कोई कम्पनी कर्ज लेने के बदले अपनी कपंनी में कुछ प्रतिशत शेयर इक्विटी के रूप में देती है, उसे ही डेट-टू-इक्विटी कहा जाता है | इसकी गणना करने के लिए आपको उस कम्पनी के शेयरधारक इक्विटी से कंपनी की कुल कर्ज में भाग देना होता है | डेट-टू-इक्विटी रेशियो हमे उस कम्पनी को उसके कॉम्पिटिटर से तुलना करने में मदद करती है। डेट-टू-इक्विटी रेशियो हर बिज़नेस के अनुसार अलग होता है, लेकिन यह 2.0 प्रतिशत से ऊपर नहीं होना चाहिए।
डी/ई अनुपात = कम्पनी के ऊपर कुल कर्ज / कुल शेयरधारक इक्विटी
7. उस कंपनी के फ्यूचर प्लान को जाने
किसी भी कंपनी को भविष्य में बड़ा बनने व ग्रो होने के लिए फ्यूचर प्लान बनाना बहुत जरूरी है | क्यूंकि जब तक कंपनी नहीं बढ़ेगी, तब तक ना तो उस कंपनी को और ना आपको प्रॉफिट होगा क्यूंकि जब किसी कम्पनी की ग्रोथ नहीं होती, तो कंपनी के शेयर में भी ग्रोथ नहीं होती | और किसी भी कम्पनी का फंडामेंटल एनालिसिस करते समय आपको उस कम्पनी के फ्यूचर प्लान्स को जनना बहुत जरूरी है | जिन कंपनी के पास फ्यूचर प्लान्स नहीं होते है, वो ज्यादा दिन मार्केट में survive नहीं कर पाती | जिससे आपका इन्वेस्टमेंट लम्बे समय में आपको काफी नुकसान दे सकता है | पढ़ें - 10 तरीके शेयर मार्केट कैसे सीखे | how to learn share market in hindi
8. कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन को ऐनालाइज करें
किसी कम्पनी का प्रॉफिट मार्जिन वह होता है, जो उस कम्पनी के प्रोडक्ट बनाने में लगे पैसे और उस प्रोडक्ट को बेचने के प्राइस का अंतर होता है, या कहें कुल बिक्री से कुल लागत को घटाने से जो मुनाफा निकलाता है, उसे ही प्रॉफिट मार्जिन कहा जाता है । इसमें इसके अन्य खर्चे भी जुड़े होते हैं, प्रॉफिट मार्जिन किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का अनुमान लगाने का एक सरल और सटीक तरीका है। प्रॉफिट मार्जिन की गणना करने के लिए आपको कुछ आय में होने वाले कुल खर्च का भाग देना है | और प्रतिशत बनाने के लिए 100 से गुणा कर सकते हैं। एक नियम के अनुसार 5% कम मार्जिन है, 10% एक स्वस्थ मार्जिन, और 20% एक उच्च मार्जिन कहलाता है ।
9. देखें की कंपनी खुद को बड़ा बनाने के लिए क्या कर रही है
यदि कोई कंपनी खुद को बड़ा बनाने के लिए कुछ नहीं करेगी, तो उस कंपनी के शेयर का प्राइस ज्यादा लंबे समय के लिए ऊपर नहीं जायेगा | जब आप फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं, तो आपको देखना है, की वो कम्पनी अपने बिजनेस को बड़ा करने के लिए क्या - क्या कर रही है | क्यूंकि यदि कोई कंपनी अपने बिजनेस को बड़ा बनाने के लिए कुछ नहीं करती तो आपको उस कम्पनी के शेयर में पैसा लगाने में नुक्सान हो सकता है | जो कंपनी अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए में अपने पैसे लगाने के साथ ही योजनाए भी बनती है, वो फंडामेंटल स्ट्रांग कंपनियां होती हैं | ऐसी कंपनियां बहुत कम या न के बराबर डिविडेंट देती है |
10. इंडस्ट्री का एनालिसिस करें
आप जिस भी कंपनी में इन्वेस्ट करने जा रहे है, आपको उस कंपनी के इंडस्ट्री का एनालिसिस जरूर करना चाहिए जहाँ आपको देखना है, की वो कंपनी किस सेक्टर में कितनी तेज़ी से बढ़ रही है | और भविष्य में वो किस सेक्टर में ग्रोथ करने वाली है |
11. देखें की कंपनी के बिजनेस में क्या - क्या कमियां हैं,
बहुत से इन्वेस्टर जब शेयर मार्केट में किसी कम्पनी के शेयर में निवेश करते हैं, तो वो उस कंपनी में सिर्फ अच्छी अच्छी बातें जानना चाहते है, और अच्छी चीज़ों से जुड़े कंटेंट को cosume करते हैं, लेकिन हर एक इन्वेस्टर जो शेयर मार्किट की किसी भी कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहता है, उसे उस कम्पनी की अच्छाईयों के साथ उसकी कमियों को भी जानना जरूरी है, इससे आपको पता चलता है, की उस कंपनी के क्या कमजोरियां हैं | इसके अलावा आपको पता चलेगा की वो कंपनी भविष्य में कैसा परफोर्म करेगी | इसलिए किसी भी कंपनी का एनालिसिस करते समय आपको उसकी कमियों को भी देखना चाहिए |
मार्केटिंग का क्या है ? | fundamental of marketing hindi
मार्केटिंग के फंडामेंटल यानि मार्किट की बेसिक बातें समझना। इसमें सबसे पहले आपको तय करना होता है, की आप किसे अपना प्रोडक्ट या सर्विस बेचना चाहते हैं, यानि आपके टारगेट कस्टमर कौन से है। इसके बाद आपको कस्टमर की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करनी होती है, आपको अपने प्रोडक्ट या सेवा को ग्राहकों के सामने इस तरह से पेश करना होता है, कि ग्राहकों को पसंद आए। इसमें आपको प्रोडक्ट या सर्विस की सही कीमत तय करना, ऐड करना, और सही जगह पर अपना प्रोडक्ट बेचने जैसे काम करने होते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखकर आप सफल मार्केटिंग कर सकते हैं।
निष्कर्ष -
किसी भी कम्पनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना आपको उस कम्पनी में इन्वेस्ट करने के लिए बहुत जरूरी है, ताकि आपको पता चल सके वो कम्पनी कितनी तेज़ी से बढ़ रही है, और उसके फ्यूचर प्लान क्या हैं, वो अपने बिज़नेस को बड़ा बनाने के लिए क्या क्या कर सही है, उस कम्पनी में क्या ऐसी कमियां हैं, जिससे आपको उसमें इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए | ये सभी चीज़ें किसी भी कम्पनी में इन्वेस्ट करने के लिए आपको जरूर जानना चाहिए |