तो चलिए जानते हैं - प्राइस एक्शन ट्रेडिंग इन हिंदी
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है ? Price Action Trading Full Detail In Hindi

किसी भी शेयर, करेंसी या कमोडिटी की कीमत में समय के साथ होने वाले को ही प्राइस एक्शन (Price Action) कहा जाता हैं। और जब कोई कीमत के बदलाव के आधार पर किसी शेयर या इंडेक्स में ट्रेडिंग करता हैं, तो उसे प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कहते हैं।
किसी शेयर, करेंसी या कमोडिटी की कीमत समय के साथ बदलती रहती है, इसे प्राइस एक्शन कहते हैं। शेयर की कीमत में बदलाव के बहुत से कारण होते है, जैसे कंपनी का बयान, कंपनी की ग्रोथ, प्लान्स, सरकार की नीतियाँ, न्यूज़ और रिसर्च। बाजार में जो भावना होती है, उसके अनुसार शेयर की कीमत ऊपर-नीचे होती है। प्राइस एक्शन ट्रेडिंग इस बदलाव को ध्यान में रखकर की जाती है, और यह एक बहुत अच्छा तरीका है।
प्राइस एक्शन का प्रयोग(Use Of Price Action)
प्राइस एक्शन पूरी तरह से टेक्निकल एनालिसिस पर निर्भर करती है। टेक्निकल एनालिसिस चार्ट पैटर्न और उससे मिलने वाले संकेत को समझने में प्राइस एक्शन की सहायता ली जाती हैं। इससे शेयर की कीमत में होने वाले उतर चढाव या बदलाव का पता चलता है, इसी के आधार पर ट्रेडर ट्रेडिंग करते समय अपना टारगेट और स्टॉप लॉस लगाकर ट्रेड करते हैं।
मार्किट कैसी चलने वाली है इसका अनुमान लगाने के लिए प्राइस एक्शन मूवमेंट की मदद ली जाती है। मार्किट में किसी शेयर में बनने वाले के चार्ट प्राइस पैटर्न और उसके वॉल्यूम उस शेयर में एक तय समय में किये गए ट्रेड से बनते हैं। और जब आप किसी कंपनी के चार्ट को देखते हैं, तो आप शेयर के प्राइस एक्शन मूवमेंट और वॉल्यूम का एनालिसिस कर रहे होते हैं।
इसके अलावा, इस स्ट्रेटेजी के सहारे किसी ट्रेड में निर्णय लेने और रिस्क मैनेजमेंट में आपको बहुत मदद मिलती है | पढ़ें - ट्रेडिंग करने से पहले क्या करना चाहिए?
प्राइस एक्शन मूवमेंट एनालिसिस करना सीखें (Learn To Do Price Action Movement Analysis)
यदि आपको किसी शेयर के प्राइस एक्शन मूवमेंट को समझना है, तो आपको उस शेयर का चार्ट देखना आना चाहिए। किसी भी शेयर का चार्ट अलग-अलग टाइम फ्रेम में अलग-अलग जानकारी दिखाता हैं। जिस भी टाइम फ्रेम में आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो आप शेयर चार्ट में उस टाइम फ्रेम के चार्ट को देखकर प्राइस एक्शन मूवमेंट का पता लगा सकते हैं, प्राइस एक्शन मूवमेंट एनालिसिस को समझने के लिए आपको कुछ चीज़ों को देखना होता है -
प्राइस एक्शन मूवमेंट एनालिसिस करना सीखें
- चार्ट पैटर्न(Chart Pattern)
- कैंडलेस्टिक पैटर्न(Candlestick Pattern)
- टेक्निकल एनालिसिस(Technical Analysis)
- सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस(Support And Resistance)
- टाइम फ्रेम कॉन्बिनेशन(Time Frame Combination)
तो चलिए इन सभी को एक एक करके जानते हैं -
चार्ट पैटर्न(Chart Pattern)
शेयर बाज़ार में जब कोई शेयर नीचे या ऊपर जाता है, जो बहुत तरह के चार्ट पैटर्न बनते है, जिन्हे समझकर आप किसी भी शेयर में प्राइस एक्शन मूवमेंट को आसानी से समझ कर प्राइस एक्शन ट्रेडिंग(Price Action Trading) की जा सकती है | और किसी भी शेयर की चार्ट में ये जो चार्ट पैटर्न बनते हैं वो निम्न प्रकार के होते है :–
- डबल टॉप चार्ट पैटर्न (Double Top Chart Pattern)
- ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न (Triple Top chart pattern)
- डबल बॉटम चार्ट पैटर्न (Double Bottom Chart Pattern)
- हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न (Head and Shoulders Chart Pattern)
- बुलिश रेक्टेंगल पैटर्न (Bullish Rectangle Chart Pattern)
- कप और हैंडल पैटर्न (Cup and Handle Pattern)
- पताका चार्ट पैटर्न (Pennant Chart Pattern)
- फ्लैग चार्ट पैटर्न (Flag Chart Pattern)
- रिवर्स हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न (Reverse Head and Shoulders Chart Pattern)
- बेरिश रेक्टेंगल पैटर्न (Bearish Rectangle Chart Pattern)
कैंडलेस्टिक पैटर्न(Candlestick Pattern)
शेयर मार्किट में बहुत तरह के चार्ट होते हैं, और ये कैंडल चार्ट बहुत ही उपयोगी होते है। यह शेयर के प्राइस एक्शन को एक कैंडल के जरिए दिखाता है। और यह कैंडल पूंछ और बॉडी से मिलकर बनी होती है। और कैंडल चार्ट के कई प्रकार के पैटर्न होते हैं, जैस -
- मोरुबोजू कैंडलस्टिक पैटर्न
- डोजी कैंडलस्टिक पैटर्न
- हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न
- शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न
- हैंगिंग मैंन कैंडलस्टिक पैटर्न
- इन्वर्टेड हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न
- मोर्निंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न
- इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न
- पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न
- डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न
- बुलिश/बेरिश एन्गाल्फिन कैंडलस्टिक पैटर्न
- बुलिश/बेरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न
टेक्निकल एनालिसिस(Technical Analysis)
यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो आपको शेयर का टेक्निकल एनालिसिस सीखना व करना बहुत जरूरी है। टेक्निकल एनालिसिस आपको बताता है, की आपको उस शेयर को किस कीमत में खरीदना व बेचना सही है। पढ़ें - 10+ ट्रेडिंग में नुकसान से बचने की सबसे अच्छी और आसान टिप्स |
सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस(Support And Resistance)
किसी भी शेयर की चार्ट में वह पॉइंट जहाँ पर उस शेयर को बहुत ज्यादा खरीदा जाता है, और उस शेयर की कीमत तेजी से ऊपर चली जाती है, ऐसा लेवल सपोर्ट कहलाता हैं। और सपोर्ट लेवल में शेयर को बेचने वाले बहुत कम होते है। सपोर्ट लेवल ऐसा लेवल है, जहां किसी शेयर की कीमत या तो थोड़ी देर रुकती है, या तो तेजी से ऊपर चली जाती है।
इसी तरह, रेजिस्टेंस वह लेवल होता है जहां बहुत सारे ट्रेडर शेयर को बेचने के लिए बैठे होते है, क्यूंकि उस लेवल पर ट्रेडर को उस शेयर की कीमत उसकी असली कीमत से ज्यादा लगती है। और इस कारण से उस लेवल से बार-बार शेयर नीचे जाता है। और इसे रेजिस्टेंस लेवल कहते हैं। पढ़ें - 5 सबसे अच्छे एल्गो ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर इंडिया
टाइम फ्रेम कॉन्बिनेशन(Time Frame Combination)
प्राइस एक्शन को समझने के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। शेयर बाजार में अलग-अलग प्रकार के ट्रेडर और निवेशक होते हैं। कुछ लोग 20 मिनट में ही ट्रेड कर प्रॉफिट लेना चाहते हैं, जबकि कुछ ट्रेडर सालों तक शेयर को होल्ड कर अपने टारगेट का इंतजार करते हैं।
शेयर बाजार में अलग-अलग टाइम फ्रेम के रिजल्ट अलग-अलग समय में आते हैं। जैसे, 1 मिनट के चार्ट का रिजल्ट लगभग 5 मिनट में आता है, 10 मिनट के चार्ट का रिजल्ट लगभग 50 मिनट में आता है, 1 दिन के टाइम फ्रेम का रिजल्ट लगभग 4 से 5 दिनों में आता है, और 1 हफ्ते के टाइम फ्रेम के चार्ट का रिजल्ट लगभग 5 से 6 हफ्तों में आता है। इसलिए ट्रेडर अपने समय के अनुसार टाइम फ्रेम का उपयोग कर प्राइस एक्शन ट्रेडिंग करते हैं।
निष्कर्ष - Price Action Trading Full Detail In Hindi
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग बहुत ही अच्छी ट्रेडिंग है, जिसमे आपको बहुत सारी चीज़ों का ध्यान रखना होता है, यहाँ आपको चार्ट पैटर्न(Chart Pattern),कैंडलेस्टिक पैटर्न(Candlestick Pattern), टेक्निकल एनालिसिस(Technical Analysis), सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस(Support And Resistance), टाइम फ्रेम कॉन्बिनेशन(Time Frame Combination) आदि को सीखना होता है |