तो चलिए जानते हैं - trading krne se phle kya krna va kya dekhna chahiye
Table of Contents
ट्रेडिंग करने से पहले क्या करना चाहिए? | ट्रेडिंग करने से पहले क्या देखना चाहिए?

1. ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस जरूर उपयोग करें
2. टेक्निकल एनालिसिस करें
3. चार्ट पढ़ना सीखें
4. चार्ट पर कम इंडिकेटर्स लगाना चाहिए
5. ट्रेडिंग वॉल्यूम जरूर देखें
6. सही टाइम फ्रेम चुनें
7. सपोर्ट और रेजिस्टेंस का पता करें
8. इलिक्विड स्टॉक्स में ट्रेडिंग मत करें
9. SGX निफ्टी देखें
10. ट्रेडिंग के नियम फॉलो करें
11. अपना ट्रेडिंग स्टाइल निर्धारित करें
12. ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर कंट्रोल करें
13. लोन लेकर ट्रेडिंग कभी मत करें
1. बिना स्टॉप लॉस के ट्रेड न करें-
जब आप ट्रेडिंग करते हैं उस समय, आपको सबसे ज्यादा जरूरी बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वह है, स्टॉप लॉस यदि आप बिना स्टॉपलॉस के ट्रेड करते आ रहे हैं, तो यह आपके लिए नुक्सान दायक हो सकता है। स्टॉप लॉस ट्रेडिंग के दौरान आपके कैपिटल को सुरक्षित रखने का काम करता है, जो आपको आपकी क्षमता से ज्यादा नुकसान होने से बचाता है।
लेकिन जब आप बिना स्टॉप लॉस के ट्रेड करते हैं, तो आप अपने पैसों को खतरे में डाल रहे होते हैं, क्योंकि शेयर मार्किट में आंतरिक और बाह्य बहुत से कारक हो सकते हैं, जिससे हमारे लिए बहुत सी मुश्किल खड़ी हो सकती हैं। स्टॉप लॉस सेट करने से हम तय करते हैं, की हमे अपने एक ट्रेड में कितना नुकसान लेना है, जिससे हम अपने पैसों को ज्यादा नुक्सान होने से बचा सकते हैं, और स्थिति को तय रख सकते हैं, जिससे हमारा पैसा सुरक्षित रहता है।
यदि आप ट्रेडिंग के दौरान स्टॉपलॉस का यूज करते हैं तो आपको कुछ फायदे होते हैं - जो यहाँ नीचे दिए गए हैं -
- स्टॉप लॉस से हम निवेश में होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
- यह हमें बाजार की उन गतिविधियों से बचाता है जो हमारे विपरीत हो सकती हैं और नुकसान पैदा कर सकती हैं।
- स्टॉप लॉस हमें अगर निवेश स्विच करने का निर्णय लेना हो, तो उसमें मदद करता है।
- यह ट्रेडर को उनकी निवेश स्थिति पर निगरानी रखने में मदद करता है और स्थिति को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
- स्टॉप लॉस का उपयोग करना हमें सुरक्षित और स्थिर ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी बनाने में मदद करता है जो हमें बाजार में सफल बनाने में सहायक हो सकती है।
2. टेक्निकल एनालिसिस करें
टेक्निकल एनालिसिस वह तरीका है, जिसके द्वारा हम पता कर सकते हैं, की मार्किट में क्या चल रहा हैं, और ट्रेडिंग करते समय सही फैसले ले सकते हैं। इसके अलावा बीते समय के चार्ट्स, ग्राफ्स, और अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स की मदद से मार्किट की स्थति भी देख सकते हैं, जो हमें मार्किट से अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के साथ मार्किट में हो रहे बहुत से बदलावों को समझने में हेल्प कर सकती हैं।
टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा हम शेयरों व अन्य इन्वेस्टमेंट के प्राइस की बदलती गति को समझकर अपने इन्वेस्टमेंट को बेहतर कर सकते हैं, टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा हम ट्रेडिंग के लिए सही समय की पहचान कर सकते हैं, और मार्किट के अलग अलग पहलुओं को आसानी से समझ सकते हैं, जिससे हम अपनी ट्रेडिंग को फायदेमंद, सुरक्षित और सफल बना सकते हैं।
यदि आप ट्रेडिंग के पहले अच्छी तरह से टेक्निकल एनालिसिस करते हैं, तो आपको कुछ फायदे होते हैं - जो यहाँ नीचे दिए गए हैं -
- टेक्निकल एनालिसिस से हम बाजार की गतिविधियों को समझ सकते हैं और उन्हें विश्लेषित रूप से देख सकते हैं।
- इससे हम ट्रेंड्स को पहचान सकते हैं जो बाजार में हो रहे हैं और इसे अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकते हैं।
- बुनियादी और तकनीकी स्तरों का अध्ययन: टेक्निकल एनालिसिस से हम बुनियादी और तकनीकी स्तरों को समझ सकते हैं जो निवेश में मदद करते हैं।
- इससे हम निवेश के सही समय की पहचान कर सकते हैं और बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
- टेक्निकल एनालिसिस से हम विभिन्न निवेश विकल्पों को विश्लेषण कर सकते हैं और उचित निवेश का चयन कर सकते हैं।
3. चार्ट पढ़ना सीखें
चार्ट पढ़ना एक ऐसी स्किल है, जो आपको मार्किट की कंडीशन को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। एक चार्ट एक ग्राफिक की तरह होता है, जिसमें आप अलग अलग टीम फ्रेम पर मार्किट की स्थति को देख सकते है। इस चार्ट पर आपको लाल व हरी कैंडल्स देखने को मिलती है, इसके अलावा आप मार्किट को समझने के लिए चार्ट में बहुत से इंडिकेटर्स का उपयोग कर सकते हैं।
इसके सह ही चार्ट से आप मार्किट ट्रेंड, सपोर्ट व रेसिस्टेन्स स्तरों आदि देख सकते हैं, और चार्ट पैटर्न्स को समझना चार्ट पढ़ने का एक सबसे जरूरी हिस्सा हैं। यह आपको ट्रेड करते समय सही फैसले लेने में में मदद कर सकता है, और मार्किट की स्थिति को समझकर ट्रेडिंग के लिए सही शेयर चुनने में मदद कर सकता है।
यदि आप शेयर चार्ट पढ़ना सीख लेते हैं, तो आपको कुछ फायदे होते हैं - जो यहाँ नीचे दिए गए हैं -
- चार्ट से आप शेयर की चलन को समझ सकते हैं, जिससे आपको इसकी स्वाभाविकता का पता चलता है।
- चार्ट से आप देख सकते हैं कि शेयर का मूवमेंट किस दिशा में हो रहा है, जो आने वाले समय की संकेत देता है।
- चार्ट के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि कब सही समय है शेयर में निवेश करने का, जिससे आपको अच्छा लाभ हो सकता है।
- चार्ट आपको शेयर के जोखिम को समझने में मदद करता है, जिससे आप अपने निवेश को सुरक्षित बना सकते हैं।
- चार्ट देखकर आप अपनी निवेश योजना तैयार कर सकते हैं, जिससे आप अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कदम उठा सकते हैं। पढ़ें - निवेश और ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
4. चार्ट पर कम इंडिकेटर्स लगाना चाहिए
जब आप ट्रेडिंग कर रहे होते हैं, तो ध्यान रखने की चार्ट पर 1 या 2 इंडीकेटर्स ही लगाएं, इससे आपका चार्ट साफ़ दिखाई देता है, और आप मार्किट ज्यादा अच्छे से समझ पाते हैं, बहुत लोगों को लगता है, की चार्ट में ज्यादा इंडीकेटर्स लगाने से उन्हें ज्यादा फायदा होगा लेकिन ज्यादा इंडीकेटर्स लगाने से लोग confuse हो जाते हैं, क्यूंकि कुछ सभी इंडीकेटर्स अलग अलग बताते है, और confusion की वजह से आप सही निर्णय नहीं ले पाते, इसलिए चार्ट पर कम इंडीकेटर्स लगाने चाहिए | पढ़ें - Trading kaise sikhe | पूरी जानकारी in hindi
5. ट्रेडिंग वॉल्यूम देखना
ट्रेडिंग वॉल्यूम को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे आपको पता लगता है, कि किसी शेयर को कितनी मात्रा में खरीदा व बेचा जा रहा है। यदि किसी शेयर का वॉल्यूम बढ़ रहा होता है, तो यह बताता है, कि बहुत लोग उस शेयर को खरीद रहे हैं, और शेयर की मूवमेंट में तेजी हो सकती है।
इसकी दूसरी तरफ यदि कम वॉल्यूम दिखाई देता है, तो यह आपको बताता है, कि मार्किट में उस शेयर को बहुत कम खरीदा व बेचा जा रहा है, और शेयर की मूवमेंट में कमी हो सकती है। काफी सारे ट्रेडर्स वॉल्यूम को देख व समझकर बाजार की स्थिति का पता लगाते हैं, और इसे अपनी ट्राइंग स्ट्रेटेजी में शामिल करके अच्छे निर्णय ले सकते हैं। पढ़ें - ट्रेडिंग के 6 प्रकार क्या हैं? | ट्रेडिंग के प्रकार | 6 types of trading
6. सही टाइम फ्रेम का चयन करना
एक सही टाइम फ्रेम को चुनना ट्रेडिंग करने के लिए बहुत जरूरी है। टाइम फ्रेम का मतलब है, वह समय अवधि जिसमें आप ट्रेडिंग कर रहे हैं, जैसे कि दिन, हफ्ता, या महीना। जो आप आसानी से चार्ट में देख सकते हैं, यह आपकी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी पर बहुत बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि अलग - अलग टाइम फ्रेम्स में ट्रेडिंग करने के लिए आपको अलग-अलग तरीके से बाजार की स्थिति को समझना पड़ता है।
छोटे टाइम फ्रेम्स में ट्रेड करने से आप आपको मार्किट में ज्यादा तेज़ी का सामना करना पड़ता हैं, जबकि बड़े टाइम फ्रेम्स में ट्रेडिंग करने से आप लम्बे समय की स्थति को आसानी से समझ सकते हैं। सही टाइम फ्रेम चुनना आपके फाइनेंसियल लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अधिक सटीक निर्णय लेने में मदद करता हैं। पढ़ें - ट्रेडिंग से अमीर कैसे बने? | ट्रेडिंग से अमीर होने के 10 आसान तरीके
7. सपोर्ट और रेजिस्टेंस का पता करें
सपोर्ट और रेजिस्टेंस को समझना ट्रेडिंग में अच्छा प्रॉफिट कमाने के लिए बहुत जरूरी है। सपोर्ट और रेजिस्टेंस दोनों ही टेक्निकल एनालिसिस के खास हिस्से हैं, जो ट्रेडर को मार्किट की स्थिति को सही से समझने में काफी मदद करते हैं। सपोर्ट वह स्तर होता है, जिस स्तर पर आके से शेयर का प्राइस गिरना बंद हो जाता है, और उस स्तर से शेयर का प्राइस फिरसे ऊपर जा सकता है। सपोर्ट के जरिये शेयर को नीचे गिरने से बचाया जा सकता है।
वहीं, रेजिस्टेंस वह स्तर है, जिस स्तर पर आके शेयर की कीमत बढ़ना रुक जाती है, और उस स्तर से शेयर की कीमत वापस नीचे जाने की सम्भावना बढ़ जाती है। रेजिस्टेंस स्तर शेयर को एक स्तर से और ऊपर बढ़ने से रोकाता है। ट्रेडर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को समझकर शेयर की मूवमेंट को पहले से पता कर सकते हैं, और बहुत से सही निर्णयों के सकते है।
8. इलिक्विड स्टॉक्स में ट्रेडिंग मत करें
इलिक्विड स्टॉक्स में ट्रेडिंग करना काफी नुकसानदायक निर्णय हो सकता है। इस तरह के स्टॉक्स में बहुत ज्यादा वॉल्यूम और लिक्विडिटी बहुत कम होती है, जिससे ट्रेडिंग के दौरान शेयर को खरीदना व बेचना काफी कठिन होता है। इस तरह के स्टॉक्स में ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा होता है, क्योंकि इस तरह के स्टॉक बाजार में तेजी-मंदी का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है, और बाजार में शेयर को खरीदने या बेचने से उल्टा प्रभाव पद सकता है। इसलिए, यदि व्यापारी किसी इलिक्विड स्टॉक के बारे में सोच रहा है, तो उसे बहुत ध्यानपूर्वक रिसर्च करके ट्रेडिंग करनी चाहिए |
9. SGX निफ्टी देखें
सिंगापुर एक्सचेंज निफ्टी एक बड़ा इंडेक्स है, जो भारतीय निफ्टी 50 से जुड़ा हुआ है। यह बाजार भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छी भविष्यवाणी करता है, और भारत के ट्रेडर्स को भविष्य समय में होने वाले बदलावों की दिशा के बारे जानकारी देता है। एसजीएक्स निफ्टी की परफॉरमेंस भारतीय शेयर बाजार की परफॉरमेंस को समझने में मदद करती है। ट्रेडर इस इंडेक्स की सहायता से अपनी ट्रेडिंग को सुधार सकते हैं, और भविष्य में इन्वेस्ट करने योजना बना सकते हैं।
10. ट्रेडिंग के नियम फॉलो करें
ट्रेडिंग के नियमों को जानना और उनका पालन करना बहुत जरूरी है। यह आपको ट्रेडिंग की दुनिया में एक सही दिशा में चलने में मदद करता है। यदि आप ट्रेडिंग के नियमों का सही से पालन करते हैं, तो आपको नुकसान कम आपका पैसा सुरक्षित और प्रॉफिट ज्यादा मिल सकता है। जिसमें आपको कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है |
- पहला नियम - अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाएं और उसका पालन करें।
- दूसरा नियम - आपको अपने ट्रेडिंग के दौरान पैसे को संभालने के लिए नियमों और लक्ष्यों को ध्यान में रखना चाहिए।
- तीसरा नियम - जब बाजार में उतार-चढ़ाव हो, तो ध्यान से व गंभीरता से निर्णय ले और अपना आत्म-नियंत्रण बनाए रखें |
11. अपना ट्रेडिंग स्टाइल निर्धारित करें
अपना ट्रेडिंग स्टाइल तय करना एक ट्रेडर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, ताकि मार्किट में आसानी से ट्रेडिंग कर सके | ट्रेडिंग स्टाइल का मतलब है, कि आप मार्किट में किस तरह एक्शन लेना पसंद करते हैं, और किस तरह आपके एक्शन आपके फाइनेंसियल गोल्स और रिस्कमैनेजमेंट से मेल खाता है। शेयर मार्किट में कुछ लोग इंट्राडे को तो कुछ लोग शेयर को लंबे समय तक होल्ड करना पसंद करते हैं।
तब यदि आपको तेजी पसंद है, और आप मार्किट में कम समय में रहकर पैसा कमाना चाहते हैं, तो आपका स्टाइल डेन-ट्रेडिंग हो सकता है। वहीं, यदि आप स्थिरता और सुरक्षा को पसंद करते हैं और मार्किट में लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो आपका स्टाइल स्विंग ट्रेडिंग हो सकता है। अपने लक्ष्यों, समय और फाइनेंसियल स्थति को ध्यान में रखते हुए आपको अपना ट्रेडिंग स्टाइल चुनना चाहिए, ताकि आप सही निर्णय ले सकें और अच्छे रिजल्ट प्राप्त कर सकें।
12. ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर कंट्रोल करें
ट्रेडिंग करते समय अपनी साइकोलॉजी पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, ताकि आप मार्किट में सफलता प्राप्त कर सके। ट्रेडिंग साइकोलॉजी ही ट्रेडर की मानसिक स्थिति और ट्रेडिंग के लिए लिए जाने वाले निर्णयों पर नियंत्रण बनाए रखने का काम करता है। एक सही ट्रेडिंग साइकोलॉजी आपको सही मानसिक स्थिति में रखने, व सही निर्णय लेने में मदद करती है,
इसके साथ ही आपको ट्रेडिंग में कन्सिस्टेन्सी बनाये रखने की जरूरत होती है, ट्रेडिंग की दुनिया में, किसी भी समय मार्किट में बड़ा परिवर्तन हो सकता है, और होने वाले परिवर्तन का सामना करने के लिए आपको हमेसा तैयार रहना होता है। सही ट्रेडिंग साइकोलॉजी के साथ, ट्रेडर अपनी नींव पर टिका रहता है, और एक ट्रेडर के रूप में बड़े स्तर पर फाइनेंसियल सफलता के लिए कड़ी मेहनत कर सकता है।
13. लोन लेकर ट्रेडिंग कभी मत करें
लोन लेकर ट्रेडिंग करना आपके लिए बहुत रिस्की हो सकता है, क्यूंकि जब आप लोन के पैसे से ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको उस लोन को आगे जाके चुकाना भी होता है, और यदि आपके द्वारा लिये गए लोन का पैसा किसी कारण से ट्रेडिंग के दौरान लॉस में चला जाता है, तो आपको काफी मानसिक तनाव होता है, जिससे आप ट्रेडिंग करते समय सही निर्णय नहीं ले पाते, जिसकी वजह से मार्किट में छोटे छोटे उतार-चढ़ावों से भी नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप लोन के पैसों से ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो विश्लेषण और योजना के लोन के पैसों से ट्रेडिंग करते हैं, तो इससे आपकी आर्थिक स्थिति भी बिगड़ सकती हैं।
यदि आप ट्रेडिंग में लोन का उपयोग करते हैं, तो लोन का सही समय पर और सावधानी से उपयोग करना बहुत जरूरी है, और आपको तय करना चाहिए, कि आप अपनी फाइनेंसियल कंडीशन और लोन की शर्तों को अच्छे से समझते हैं। यदि आप नए ट्रेडर हैं, तो लोन का उपयोग करने से पहले आपको एक बार सोचना चाहिए, और ध्यान से इस पैसे का उपयोग करके ट्रेडिंग करनी चाहिए, और यदि हो सके, तो आपको बिना लोन के भी ट्रेडिंग करनी चाहिए है, जो एक बेहतर विचार है |
आज हमने जाना -
आज के ब्लॉग में ट्रेडिंग करने से पहले क्या करना चाहिए? | ट्रेडिंग करने से पहले क्या देखना चाहिए? के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी।
आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद 🙏😊
यदि आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग से जुडी किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप comment करके जरूर बताएं। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे।
धन्यवाद