शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा लोग जो ट्रेडिंग करते हैं, वो है इंट्राडे ट्रेडिंग क्यूंकि इसमें लोगों को मार्जिन की सुविधा मिलती है, यदि कोई इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहता है, लेकिन उसके पास ज्यादा पैसा नहीं है, तो अपने पैसों पर कुछ गुना का मार्जिन लेकर इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकता है, यदि आप भी इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, या करना चाहते हैं, तो आपको
जरूर पता होनी चाहिए, यदि आप इन टिप्स का ध्यान देकर इंट्राडे ट्रेड करते हैं, तो आप इंट्राडे से अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं |
1. एक प्रॉफिटेबल इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटजी सीखें और उपयोग करें
सबसे पहली और जरूरी इंट्राडे ट्रेडिंग की जो टिप्स है, वह है एक सही इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को सीखना और उपयोग करना. बड़े ट्रेडर जो हर दिन इंट्राडे ट्रेडिंग करता हैं, वो किसी एक strategy में अच्छे होते हैं, और उसे जरूर फॉलो करते हैं. और ये स्ट्रेटेजी सभी की अलग - अलग होती हैं | यदि बात करें कुछ प्रॉफिटेबल इंट्राडे स्ट्रेटेजी की तो यहाँ नीचे कुछ सर्वश्रेष्ठ इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीतियाँ बताई गई हैं |
Intraday Trading Strategy in Hindi
- सपोर्ट और रेजिस्टेंस
- ट्रेडर चार्ट पेटर्न देखकर
- ब्रेक आउट होने पर
- ट्रेडर ट्रेंडलाइन के सहारे ,
- मूविंग एवरेज या टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे; RSI, MACD, बॉलिंगर बैंड, वॉल्यूम आदि के सहारे
तो हर बड़ा ट्रेडर किसी एक प्रॉफिटेबल स्ट्रेटेजी में अच्छा होता है, और उसे सीखकर और उपयोग करके वो एक प्रॉफिटेबल इंट्राडे ट्रेडर बनता है, और दूसरी तरफ जो इंट्राडे ट्रेडिंग में नए - नए होते हैं, वो केवल शेयर का प्राइस देखकर इंट्राडे ट्रेड करते हैं, ये ट्रेडर ऐसा शेयर ढूढ़ते हैं जिसकी कीमत कुछ समय से लगातार बढ़ रही है, और ये सोंचकर कि जैसे ही शेयर का प्राइस और ऊपर जाएगा तो बेचकर प्रॉफिट कमा लेंगे, इसी आसरे में ऐसे शेयर खरीद लेते हैं |
यदि आप भी नए ट्रेडर हैं, और इसी तरह बिना किसी स्ट्रेटेजी को सीखकर इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, या करने की सोंच रहे हैं, तो आप गलत सोंच रहे हैं, क्यूंकि इस तरह ट्रेड करके एक दो बार तो प्रॉफिट बनाया जा सकता है, लेकिन लम्बे समय में यह काम नहीं करेगा। इसलिए यदि आप नए हैं, तो कुछ समय एक अच्छी स्ट्रेटेजी को सीखने और प्रैक्टिस करने में दें | तभी आप इंट्राडे ट्रेडिंग से अच्छा प्रॉफिट कमा सकेंगे |
2. टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा इंट्राडे में ट्रेडिंग करें
मात्र इंट्राडे ट्रेडिंग में नहीं बल्कि शेयर मार्किट में किसी भी तरह की ट्रेडिंग करने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना बहुत जरूरी है। क्यूंकि यदि आप एक प्रॉफिटेबल ट्रेडर बनना चाहते हैं, तो आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना और उसका उपयोग करना बहुत जरूरी है। टेक्निकल एनालिसिस के अंतर्गत कुछ जरूरी चीज़ें जो आपको जाननी जरूरी होती हैं, वो हैं प्राइस एक्शन, मूविंग एवरेज, कैंडलस्टिक पेटर्न, सपोर्ट रेजिस्टेंस, वॉल्यूम, चार्ट पैटर्न, टेक्निकल इंडिकेटर्स आदि हैं।
यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग में कम नुक्सान और ज्यादा प्रॉफिट चाहते हैं, तो आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना और इसका उपयोग करके ही इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए इससे आपको ट्रेड के बारे में बहुत कुछ पता चलता है, जैसे आप एंट्री कहाँ लेंगे, आप एग्जिट कहाँ लेंगे, आप कितना रिस्क लेने वाले हैं, और आपको उस ट्रेड से कितना रिटर्न मिल सकता है।
पढ़ें - इंट्राडे ट्रेडिंग की 13+ टिप्स | intraday trading tips in hindi3. मार्केट बंद होने से पहले सभी इंट्राडे पोजीशन स्क्वायर ऑफ कर दें
13+ Intraday trading tips in Hindi की सूची में जो तीसरी इंट्राडे टिप्स है, वो है की शेयर बाजार बंद होने से पहले ही आपको अपने खरीदे सारे शेयर या सभी पोजीशन close करनी हैं, यानी उस दिन आपने जितने भी ट्रेड लिए खरीदे या बेचे हैं, उन सब को बाजार बंद होने से पहले square-off करना ही है| यानी आप जब इंट्राडे ट्रेड कर रहे हैं, तो आपको किसी भी शेयर को अगले दिन के लिए होल्ड करके नहीं रखना है |
क्यूंकि यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो किसी दिन अपनी पोजीशन क्लोज करना यानी शेयर खरीद तो लेते हैं, लेकिन मार्किट बंद होने से पहले उन्हें बेचना भूल जाते हैं, तो आप जिस भी ब्रोकर के द्वारा इंट्राडे ट्रेड कर रहे होते हैं, आपका ब्रोकर आपके behalf पर आपके उस दिन खरीदे गए सभी शेयर को बेच देता है |
इसका मतलब आपका ब्रोकर आपको सभी open positions को खुद ही close कर देता है। और जब आप अपनी पोजीशंस क्लोज करना भूल जाते हैं, और आपका ब्रोकर खुद ही उस पोजीशन को क्लोज करता है, तो इसके लिए आपको square-off charges भी देना पड़ता है जो लगभग 50 रुपये होता है।
याद रखने योग्य बात - हमेसा याद रखने की यदि आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में बड़ा लॉस हो जाता है. और आप पोजीशन क्लोज करना भूल जाते हैं, और तब यदि आपका ब्रोकर उसे खुदसे बेचता है, तो आपको बहुत बड़ा लोस हो सकता है, क्यूंकि ब्रोकर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की आपको कितना प्रॉफिट या लोस्स हो रहा है, यदि आप मार्किट बंद होने से पहले खुदसे अपनी पोजीशन क्लोज नहीं करते तो आपका ब्रोकर उन्हें क्लोज करेगा, जिससे आपका बहुत बड़ा loss हो सकता है।
4. ब्रोकरेज चार्जेस को ध्यान में रखते हुए इंट्राडे ट्रैड लें
इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ नए ट्रेडर्स beginners लेवल या सीखने के लेवल पर होते हैं, जिससे उन्हें इस ट्रेडिंग में बहुत ज्यादा अनुभव नहीं होता है। और ऐसे ट्रेडर शेयर बाजार में ब्रोकरेज चार्ज का ज्यादा ध्यान नहीं रखते हैं, जिससे उन्हे बहुत बार बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। ब्रोकरेज चार्जेस वह फीस होती है जो आपको आपके ब्रोकर को शेयर को खरीदने व बेचने पर देनी होती है।
यानी जब आप अपने डीमैट अकाउंट द्वारा ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको हर एक ट्रेड या ट्रांजैक्शन होने पर जो फीस के रूप में जो अमाउंट देना होता है, वह ब्रोकरेज चार्ज होता है। यदि बात करें इंडिया में किसी भी ब्रोकर के द्वारा लिए जाने वाले ब्रोकरेज की तो आपसे हर एक ट्रैड में सामान्यतः 20 Rs ब्रोकरेज फीस के रूप में लिए जाते है।
यह ब्रोकरेज फीस डिलीवरी और इंट्राडे व हर तरह की ट्रेडिंग में अलग - अलग हो सकता है। चूँकि किसी भी ब्रोकर द्वारा अधिकतम ब्रोकरेज एक ट्रेड में आपको 40 रूपए तो देने ही होते हैं, इसलिए जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, तो ध्यान रखने आप जो भी स्टॉक buy और sell कर रहे हैं, उसमें आपको कम से कम 40 रुपये से ज्यादा का प्रॉफिट हो, क्यूंकि यदि आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट न भी हो रहा हो तब भी आपकी ब्रोकरेज फीस तो आपको मिल ही जाय हैं।
पढ़ें - इंट्रा डे ट्रेडिंग में मार्जिन क्या है? इंट्राडे में मार्जिन लेने से पहले यह जान लें! 5. इंट्राडे माइंडसेट तैयार करें
अगली स्टॉक मार्केट में शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स यह है, कि जितने भी नए इंट्राडे ट्रेडर हैं, वो ट्रेडिंग को लेकर व ट्रेडिंग करते समय अपना माइंडसेट साफ़ और क्लियर रखें । यानी आप जिस भी समय ट्रेडिंग करें वह चाहे कोई भी ट्रेडिंग हो, उस समय आपको अपने दिमाग पूरी तरह से फ्री रखना चाहिए. और ट्रेडिंग करते समय आपको केवल ट्रेडिंग पर ही पूरा ध्यान देना चाहिए, और आपके पास उस समय कोई और काम नहीं होना चाहिए |
नए ट्रेडर जो सबसे ज्यादा गलती करते हैं, वो है अपनी शेयर चार्ट पर फोकस ना करके बहुत सारे अलग अलग स्टॉक के चार्ट को देखते रहते हैं, जिससे वो किसी एक स्टॉक पर अपना पूरा फोकस नहीं कर पाते हैं. और इसीलिए आपको अपना दिमाग क्लियर रखना चाहिए की आपको एक समय में केवल एक ही शेयर के चार्ट पर पूरा फोकस करना है, और किसी भी ट्रेड को लेने से पहले आपको अपना टाइम फ्रेम, एंट्री, एग्जिट स्टॉपलॉस आदि तय कर लेना चाहिए |
पढ़ें - 8 टिप्स इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने? 6. लॉस रिकवर करने के लिए दुबारा ट्रेड ना करें
लास रिकवर जो एक सबसे बड़ी गलती इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर करते हैं, और अपना नुक्सान बढ़ा लेते हैं, यह गलती आपको कभी नहीं करनी है, क्यूंकि आप जितना ज्यादा लॉस रिकवर की तरफ भागेंगे आप उतना ही ज्यादा अपना लॉस करेंगे, इंट्राडे ट्रडिंग करते समय सबसे ज्यादा जो गलती की जाती है, वो है लॉस रिकवर की तरफ जाना, इंट्राडे में आपको ध्यान रखना है,, की आपको यदि एक बार लॉस हो जाता है, तो उसे रिकवर करने की तरफ नहीं जाना है |
क्यूंकि जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, तो आपका फोकस loss रिकवर में ना होकर लॉस को कम करना होना चाहिए। क्योंकि जब आप अपने loss को कंट्रोल करके कम करना सीख लेते हैं, तो आपका प्रॉफिट ऑटोमेटेकली बढ़ जाता है।
याद रखने योग्य बातें – यदि आप भी रिवेंज व लॉस रिकवर करने के लिए ट्रेडिंग करते हैं, या आपको इसकी आदत लग चुकी है, तो आज ही इसे छोड़ दीजिए क्योंकि रिवेंज ट्रेडिंग यानी लॉस रिकवर करने के चक्कर में बहुत सारे ट्रेडर्स बर्बाद हुए हैं इसीलिए यह इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स जरूर ध्यान रखें कि कभी भी लॉटरी कवर करने की कोशिश मत करें बल्कि प्रॉफिट बढ़ाने पर फोकस करें।
7. लिक्विड स्टॉक्स में ही इंट्राडे ट्रेड करें
यह पॉइंट आपको ध्यान में रखना बहुत जरूरी है, इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने जैसे कि आपको पता हैं की इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर की खरीद और बिक्री मार्केट बंद होने से पहले होती है, इसलिए जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, तो हमेशा ऐसे स्टॉक्स चुने जिनमे लिक्विडटी ज्यादा हो। लिक्विड स्टॉक वो होते हैं, जिनमे buyers और sellers की संख्या अधिक या कहें पर्याप्त होती हैं। चूँकि आपको इंट्राडे में शेयर को एक ही दिन के अंदर खरीदकर बेचना होता है, ऐसे में आपको लिक्विड स्टॉक्स चुनने बहुत जरूरी है, ताकि आप आसानी से शेयर खरीद व बेच सके,
नोट - यदि किसी शेयर की लिक्विडिटी चेक करना चाहते हैं, तो आपको उस शेयर का ट्रेडिंग वॉल्यूम देखना हैं |
ध्यान रखें आपको कभी भी ऐसे स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करनी है, जिनमें अपर या लोअर सर्किट लगा हो, क्योंकि इस तरह के शेयर ऑपरेटर के द्वारा कंट्रोल किये जाते है, और इस तरह तरह के शेयर का शेयर प्राइस किसी भी समय बहुत तेजी से ऊपर या नीचे जा सकता है।
पढ़ें - इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ कैसे प्राप्त करें, 8. इंट्राडे में ओवर ट्रेड करने से बचें
ओवरट्रेडिंग जो की ज्यादातर ट्रेडर अपना लॉस रिकवर करने के लिए करते हैं, यह एक ट्रेडर की सबसे बुरी आदत मानी जाती है, और यह आदत धीरे धीरे बढ़ती जाती है, जब किसी ट्रेडर को इंट्राडे में एक बार लॉस होता है, तो वो अपने लॉस को रिकवर करने के लिए और भी बहुत से ट्रेड लेता है | और अपने लॉस को बढ़ाता जाता है, क्यूंकि एक वह लॉस होने के कारण को जानने और गलती को सुधारने की वजह अपने लॉस को रिकवर करने के पीछे भागता है, जिससे वो पहले की गलती को अगले ट्रेड में भी दोहराता है, और ऐसे में ओवरट्रेडिग करने से उसे लम्बे नुकसान का सामना करना पड़ता है |
9. इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले ही अपना प्रॉफिट और लॉस तय कर ले
शुरुआती लोगों के लिए 9 वीं इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स है, इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले अपना प्रॉफिट और लॉस तय कर ले
यानि जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको पहले से पता होना चाहिए की आप एक ट्रेड में कितना लॉस ले सकते हैं, तो एक दिन में कितना लॉस ले सकते हैं, इसे ही रिस्क मैनेजमेंट कहा जाता है, जब आप अपना प्रॉफिट और लॉस तय कर लेते हैं, तो आप सही समय पर एंट्री व एग्जिट ले पाते हैं | और इससे आपके प्रॉफिट के चांस भी बढ़ जाते हैं |
इंट्राडे ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के लिये आपको अपना प्रॉफिट और लॉस तय करना बहुत जरूरी है, तभी आप अपने कैपिटल को सुरक्षित कर पाएंगे और इंट्राडे से अच्छा पैसा कमा पाएंगे | क्योंकि जब आपको अपने लिए हुए ट्रेड का loss पता होता है, तो आपके दिमाग में क्लियर होता है, की किस प्राइस में आपको शेयर को बेचना है, और जब आपका लॉस और प्रॉफिट पहले से तय होता है, तो आपको नुकसान होने के चांसेस बहुत हद तक कम जाने हैं।
10. ट्रेड करते समय अपना रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो तय और मेंटेन करें
इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो का ध्यान रखना और उसे मेंटेन करना आपको लोंग टर्म में इंट्राडे में ठीके रहने और उससे अच्छा प्रॉफिट कमाने के लीये बहुत जरूरी हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग है, लेकिन इसमें लम्बे समय तक हर रोज प्रॉफिट कमाने के लिए आपको रिवॉर्ड रेश्यो मेंटेन करना बहुत जरूरी है |
उदाहरण के लिए यदि आप एक दिन में 5 बार ट्रेड करते हैं और एक मंथ में 20 दिन इंट्राडे ट्रेड करते हैं, तो आप एक मंथ में 100 ट्रेड करते हैं, और मान लेते हैं यदि इन 100 ट्रेड में आपको 70 ट्रेड में प्रॉफिट होता है, तभी आप इंट्राडे ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमा सकेंगे और सफल हो सकेंगे। यानी आपको एक मंथ में 70 बार प्रॉफिट और केवल 30 बार लॉस हुआ तो आपका प्रॉफिट अच्छा है |
यहाँ आपका रिवॉर्ड 7०प्रतिशत है, और रिस्क 30 प्रतिशत तो आप एक सफल इंट्राडे ट्रेडर कहलायेंगे |
11. इंट्राडे में ट्रेड करते समय स्टॉप लॉस जरूर उपयोग करें
यह मैं बार बार बोलता हूँ, की बिना स्टॉप लॉस के इंट्राडे ट्रेडिंग कभी ना करें। यदि आपको अपने नुकसान को कम और प्रॉफिट को बढ़ाना है, तो स्टॉपलॉस का उपयोग जरूर करें, क्यूंकि जब आप अपने हर ट्रेड में स्टॉपलॉस का उपयोग करेगे तो धीरे धीरे आपको इसकी आदत लग जायेगी जो की अपने लॉस को कम करने की एक बहुत अच्छी आदत है |
बहुत से ट्रेडर जो इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान के स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग नहीं करते, उन्हें 4 या 5 ट्रेड में जितना फायदा होता है, उससे कई गुना ज्यादा एक ही ट्रेड में लॉस हो जाता है। जिससे वो कभी प्रॉफिटेबल ट्रेडर नहीं बन पाते | इसका सीधा मतलब है, आप इंट्राडे के 10 ट्रेड से भी चाहे जीतना प्रॉफिट बना लें लेकिन यदि आप स्टॉपलॉस नहीं लगाते तो आपका पूरा प्रॉफिट एक ही ट्रेड में लॉस हो जाएगा |
12. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए शेयर का एंट्री और एग्जिट तय कर लें
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेड लेने से पहले आपको एंट्री व एग्जिट तय कर लेनी है, की आप किस प्राइस में किसी शेयर को खरीदेंगे व किस प्राइस में किसी शेयर को बेचेंगे, इससे आपके दिमाग में क्लियर हो जाएगा की आपको कब शेयर खरीदना व कब शेयर बेचना है, और जब आपकी एंट्री व एग्जिट की टाइमिंग सही होगी तो आपको लोस कम और प्रॉफिट ज्यादा अपने आप ही होंगे, इंट्राडे ट्रेडिंग में यह सबसे ज्यादा जरूरी इसलिए भी है, क्यूंकि यहाँ आपको पूरे दिन के अंदर ही शेयर को खरीदना व बेचना होता है, और प्रॉफिट या लॉस बुक करना होता है, यदि आप एंट्री एग्जिट तय नहीं करते तो आपको शेयर को ख़रीदने व बेचने केलिए निर्णय लेने में काफी परेशानी हो सकती है, और यही समय पर निर्णय ना लेने से बहुत बार आपके प्रॉफिट लॉस में भी बदल सकते हैं | इसलिए आपको इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले ही एंट्री एग्जिट पॉइंट तय कर लेने चाहिए |
13. इंट्राडे करने के लिए शेयर चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पता करें
आप जिस भी शेयर में ट्रेड ले रहे हैं, आपको ट्रेड लेते वक्त उस शेयर का सपोर्ट व रेजिस्टेंस प्राइस जरूर पता होना चाहिए।
- सपोर्ट लेवल यानी वो लेवल जहाँ से शेयर का प्राइस नीचे जाना बंद हो जाता है, और ऊपर जाने लगता है
- रेजिस्टेंस लेवल यानी वो लेवल जहाँ से शेयर का प्राइस और ऊपर जाना बंद हो जाता है, और नीचे आने सकता है।
यदि आपको कोई स्ट्रेटेजी नहीं आती तो आप शेयर चार्ट में केवल सपोर्ट व रेजिस्टेंस लेवल बनाकर भी इंट्राडे में ट्रेड कर सकते हैं। लेकिन सपोर्ट और रेजिस्टेंस के सहारे आपको तभी ट्रेडिंग करनी है, जब प्राइस दो या उससे ज्यादा बार किसी एक लेवल को छूकर विपरीत दिशा में जा रहा हो. इससे आपको उस शेयर में ट्रेड करने का कंफर्मेशन मिल जाता है जिससे आप कॉन्फिडेंट तरीके से इंट्राडे ट्रेडिंग कर पाते हैं|
14. एक सही टाइम फ्रेम की प्रैक्टिस करके ही इंट्राडे ट्रेड करें
इंट्राडे में आपको एक सही टाइम फ्रेम चुनना बहुत जरूरी है, यदि आप किसी एक टाइम फ्रेम में शेयर चार्ट को अच्छे से प्रैक्टिस कर लेते हैं, तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं, इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए यदि एक सही टाइम फ्रेम की बात करें तो सबसे अच्छा इंट्राडे टाइम फ्रेम 15 मिनट का होता है |
FAQ - intraday trading tips in hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कमाने की सबसे बेस्ट टिप्स क्या है?
यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करके पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको कुछ चीज़ें सीखनी होंगी, जैसे -
- टेक्निकल एनालिसिस
- चार्ट पेटर्न और कैंडलेस्टिक पेटर्न
- सपोर्ट रेजिस्टेंस
- इसके अलावा ब्रेकआउट और ब्रेक डाउन .
क्या डे ट्रेडिंग शुरुआती लोगों के लिए अच्छा है?
यदि आप शेयर मार्किट में नए हैं, तो आपको शुरू में इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए, पहले आप स्विंग ट्रेडिंग में कुछ समय प्रॉफिट बनाना सीखें जो की 1 दिन से 1 हप्ते तक की होती है, और जब आप इसमें अच्छा प्रॉफिट बनाने लगें उसके बाद आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने की सोचें |
डे ट्रेडिंग शुरू करने के लिए मुझे क्या चाहिए?
डे ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको एक कुछ स्टेप्स फोलो करने चाहिए
- एक ब्रोकर ढूढें,
- एक ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें,
- डे ट्रेडिंग सीखने में कुछ समय दें
- एक अच्छा ट्रेडिंग प्लान बनायें
- एक अच्छी स्ट्रेटेजी सीखें
- और ट्रेडिंग करना शुरू करें |
क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग लाभदायक है?
जी हां, इंट्राडे ट्रेडिंग लाभदायक हैं, लेकिन यदि आप शेयर बाजार में नए ट्रेडर हैं, तो आपको सबसे पहले इंट्राडे के बेसिक नियमों को जानना व उनका पालन करना होगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाना बहुत सी बातों पर निर्भर करता है, जैसे - हाई लिक्विडिटी वाले शेयर चुनना, ट्रेडिंग के लिए जरूरी टूल्स का उपयोग सीखना, और सही जगह स्टॉप लॉस रखना तभी आप इंट्रा डे से अच्छा लाभ कमा सकते हैं । .
इंट्राडे में शेयर खरीदने का सही समय क्या है?
इंट्राडे में शेयर खरीदने का सबसे सही समय जो माना जाता है, वो है सुबह 10:30 बजे के बाद का समय, क्योंकि इस समय तक market में अच्छी मूवमेंट हो चुकी होती है, जिससे आपको शेयर खरीदने के बहुत से पॉइंट मिल जाते हैं, और आपको पता लग जाता है, की मार्किट कहा जा सकता है, इसके अलावा इस समय आपको शेयर में चार्ट का वॉल्यूम भी सही से दिखने लगता हैं।
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आज हमने क्या सीखा -
आज के ब्लॉग में हमने इंट्राडे ट्रेडिंग की 13+ टिप्स | intraday trading tips in hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की तथा अन्य बातेँ भी हमने सीखी।
आशा करता हूँ आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी बहुत काम आय। हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को पढ़ने के लिए अपना कीमती समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏😊
यदि आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से जुडी कोई जानकारी चाहिए तो आप comment करके हमे बता सकते। हम जल्द ही आपके लिए जानकारी लाने की कोशिस करेंगे।
धन्यवाद ( Thank you )